सार
महाराष्ट्र विधानसभा में NCP के विधायक विपक्ष के साथ बैठेंगे या सत्ता पक्ष के साथ इस बात को लेकर दो व्हिप जारी किए गए। वहीं, कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है।
मुंबई। NCP (Nationalist Congress Party) में टूट के बाद सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र के पहले दिन सीएम एकनाथ शिंदे ने नए बने मंत्रियों से सदन का परिचय कराया। इस दौरान एनसीपी के किस गुट के विधायक किस ओर बैठेंगे इसको लेकर दो व्हिप जारी किए गए। कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है।
एनसीपी के दोनों गुट (शरद पवार गुट और अजीत पवार गुट) ने अलग-अलग व्हिप जारी किए। अजित पवार ने व्हिप जारी कर विधायकों से सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ बैठने को कहा है। दूसरी ओर एनसीपी के मुख्य सचेतक जितेंद्र अवहाद (शरद पवार गुट के नेता) ने विधायकों से विपक्षी बेंच पर बैठने को कहा है। अवहाद ने विधानसभा अध्यक्ष से नौ बागी विधायकों और अन्य पार्टी विधायकों को एक साथ नहीं बैठाने का भी अनुरोध किया।
एनसीपी के मुख्य सचेतक ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा- विपक्ष में बैठना है
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को लिखे पत्र में अवहाद ने कहा कि शपथ लेने वाले 9 विधायकों को छोड़कर अन्य के लिए बैठने की व्यवस्था अलग से की जानी चाहिए। राकांपा विपक्ष में है। हम विपक्ष में ही बैठना चाहते हैं। नार्वेकर ने हाल ही में कहा था कि NCP के मामले में कौन सत्ता में है और कौन नहीं, इसके बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं है।
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अजीत पवार ने की थी बगावत
गौरतलब है कि दो जुलाई को अजीत पवार ने अपनी बगावत कर दिया था। उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को साथ लेकर एनसीपी तोड़ दी थी। अजीत पवार विपक्ष के नेता थे। उन्होंने विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दिया और राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। इसके साथ ही आठ और विधायकों ने भी मंत्री पद का शपथ लिया। इसके बाद से अजीत पवार और उनके चाचा शरद पवार के बीच इस बात को लेकर संघर्ष है कि असली एनसीपी किसकी है। यह पूरी तरह से साफ नहीं है कि किस गुट के साथ कितने विधायक हैं।
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