सार

महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम के बाद भी महायुति में CM पद को लेकर गतिरोध जारी है। एकनाथ शिंदे के गांव लौटने से राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। क्या बीजेपी के शपथ ग्रहण की तारीख के ऐलान से स्थिति स्पष्ट होगी?

Maharashtra Political crisis: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव रिजल्ट आने के एक सप्ताह बाद भी महायुति गठबंधन मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला नहीं कर सका है। अमित शाह के साथ महायुति नेताओं की मीटिंग के अगले दिन विधायक दल की मीटिंग को रद्द कर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने गांव चले जाने राजनैतिक पारा और चढ़ गया है। विधायक दल की मीटिंग नहीं हो पाने की वजह से नए नेता का चुनाव नहीं हो पा रहा और लगातार संवैधानिक संकट गहरा रहा। हालांकि, बीजेपी के शपथ ग्रहण की तारीख के ऐलान के बाद स्थितियां कुछ साफ होती दिख रही है। रविवार को शिवसेना प्रमुख व कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री का फैसला सबको मान्य है। यह सरकार जनता की सरकार होगी और मैंने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है।

मीटिंग रद्द कर शिंदे अचानक गांव सतारा गए

दरअसल, गुरुवार को अमित शाह के साथ एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार की चली कई घंटों की मीटिंग के अगले दिन विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी। लेकिन मीटिंग रद्द करते हुए शिंदे अचानक अपने गांव सतारा चले गए। वह कई दिनों से सतारा गांव में ही हैं। उनके मुंबई नहीं आने की वजह से बीजेपी विधायक दल की मीटिंग बार-बार टाली जा रही है। शनिवार को अचानक राजनीतिक पारा चढ़ा जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने महाराष्ट्र की नई सरकार के सीधे शपथ ग्रहण की तारीख तय करने हुए ऐलान किया कि 5 दिसंबर को शाम पांच बजे शपथ होगा। नए नेता का चुनाव नहीं होने और शपथ की तारीख तय होने से तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। शपथ की तारीख तय होने के बाद महायुति के गठबंधन में शामिल एनसीपी नेता अजीत पवार ने यह दावा कर एकनाथ शिंदे को दरकिनार कर दिया कि बीजेपी से ही अगला मुख्यमंत्री होगा।

अब गांव में मीडिया से शिंदे ने क्या कहा?

कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि बीजेपी विधायक दल की मीटिंग में सोमवार को नए मुख्यमंत्री का चुनाव होगा। यह सरकार जनता की सरकार है। मैंने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है। पीएम मोदी और अमित शाह, मुख्यमंत्री पर अंतिम फैसला लेंगे। भाजपा विधायक कल बैठक कर रहे हैं। इस पर फैसला हो जाएगा। चिंता मत करो। शिंदे ने कहा कि चुनाव प्रचार के बाद वे थक गए थे और आराम करने के लिए सतारा आए थे। उन्होंने कहा: मैं हमेशा अपने गांव आता हूं। जब मैंने पिछले सप्ताह ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तो कोई भ्रम क्यों होना चाहिए? मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा सीएम पद पर लिया गया निर्णय मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।

महायुति के पास सबसे अधिक सीटें

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटों पर हुए चुनाव में सबसे अधिक महायुति गठबंधन ने हासिल की है। महायुति को 230 सीटें मिली है। इसमें सबसे अधिक 132 सीटें बीजेपी ने जीती है।

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