सार
रत्नागिरी में एक जर्नलिस्ट के मर्डर ने सबको चौंका दिया है। रत्नागिरी के अपने सहयोगी शशिकांत वारिशे की हत्या के विरोध में मुंबई भर से पत्रकार शुक्रवार को मंत्रालय में गांधीजी की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए।
मुंबई. रत्नागिरी में एक जर्नलिस्ट के मर्डर ने सबको चौंका दिया है। रत्नागिरी के अपने सहयोगी शशिकांत वारिशे की हत्या के विरोध में मुंबई भर से पत्रकार शुक्रवार को मंत्रालय में गांधीजी की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए। वारिशे (48) को सोमवार(6 फरवरी) को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसे कथित तौर पर जमीन कारोबारी पंढरीनाथ अंबरकर चला रहे थे। वारिश की अगले दिन अस्पताल में मौत हो गई थी। पढ़िए बाकी डिटेल्स…
16 पॉइंट्स में पढ़िए आखिर हुआ क्या था?
1. प्रॉपर्टी डीलर अंबरकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर हत्या का चार्ज लगाया गया है। आरोप है कि अंबरकर हर उस व्यक्ति को धमकी देता था, जो क्षेत्र में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए भूमि अधिग्रहण(land acquisition) का विरोध करता था।
2. अंबरकर के खिलाफ वारिश द्वारा लिखा गया एक आर्टिकल घटना की सुबह एक स्थानीय मराठी अखबार में छपा था। एक्सीडेंट मुंबई से लगभग 440 किलोमीटर दूर राजापुर में एक पेट्रोल पंप के पास हुआ था।
3.शुक्रवार को महानगर मुंबई के दक्षिण में स्थित राज्य सचिवालय में दोपहर के समय एकत्र हुए प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने मांग की कि मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए और आरोपियों को ऐसी सजा मिले, जिससे अपराधी खौफ खाएं।
4. विरोध में भाग लेने वालों ने कहा कि हत्या में शामिल लोगों के साथ-साथ इसकी बड़ी साजिश को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से उजागर किया जाना चाहिए और आरोपी पर कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया जाना चाहिए।
5. विधिमंडल और मंत्रालय पत्रकार संघ के सचिव प्रवीण पुरो ने शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले पत्रकार संघों से कहा, वारिश के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
6. रत्नागिरी के एक स्थानीय दैनिक ने कथित आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रापर्टी एजेंट के बारे में पहले पन्ने पर खबर छापी थी। उसके कुछ घंटे बाद ही रिपोर्टर को कथित तौर पर प्रापर्टी एजें ने अपनी कार ने कुचल दिया था।
7. महानगरी टाइम्स अखबार के 48 वर्षीय क्षेत्रीय प्रमुख शशिकांत वारिशे ने स्थानीय बाहुबली पंढरीनाथ अंबरकर पर एक रिपोर्ट लिखी थी।
8.रिपोर्ट में सवाल उठाया गया था कि एक आदमी जो एक जाना-माना दलाल और रिफाइनरी का समर्थक है, वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ अपनी तस्वीरें क्यों पब्लिश कर रहा है?
9. हालांकि समाचार लेख में वारिश की बायलाइन नहीं थी, लेकिन उनके सहयोगियों का कहना है कि अंबरकर अच्छी तरह से जानता था कि यह किसने लिखा था? उसी दिन दोपहर करीब 1.30 बजे जब समाचार प्रकाशित हुआ, कथित तौर पर अंबरकर द्वारा वारिशे को कुचल दिया गया था।
10.दिल दहला देने वाली यह घटना रत्नागिरी में नगरपालिका परिषद राजापुर में एक पेट्रोल पंप के बाहर हुई। वारिशे अपने टूव्हीलर पर फ्यूल भरने के लिए रुका था, जब अंबरकर ने कथित तौर पर अपनी महिंद्रा थार एसयूवी से वारिसे की गाड़ी को टक्कर मार दी और उसे लगभग 100 मीटर तक घसीटा। वारिश को गंभीर चोटें आईं और उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। एक दिन बाद 7 फरवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया।
11. मौके से भागे अंबरकर को 7 फरवरी की शाम को गिरफ्तार किया गया और स्थानीय अदालत में पेश किया गया।
12.रत्नागिरी के एसपी धनंजय कुलकर्णी ने कहा “हमने शुरू में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (हत्या के लिए गैर-इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा गवाही देने के बाद आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के आरोपों को बढ़ा दिया गया था कि वारिस की हत्या एक मकसद से की गई थी।
13. एसपी ने कहा, प्रथम दृष्टया सबूत भी अंबरकर की हत्या के इरादे की ओर इशारा करते हैं। अंबरकर को 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
14.अंबरकर की गिरफ्तारी के तुरंत बाद स्थानीय पत्रकारों के संघ ने पुलिस और राज्य सरकार से वारिश के एक्सीडेंट को एक हत्या मानने की अपील की थी न कि केवल गैर इरादतन हत्या का मामला।
15. महाराष्ट्र टाइम्स के एक ऑनलाइन रिपोर्टर प्रसाद रानाडे ने कहा कि घटना के बाद से मीडिया बिरादरी हिल गई है। यह हम में से कोई भी हो सकता था।
16. पत्रकार संघ ने पुलिस को आरोप बढ़ाने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने हड़ताल पर जाने का संकल्प लिया था। लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता पर ध्यान दिया है और तुरंत कार्रवाई की है। मुंबई प्रेस क्लब ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र सरकार को वारिश के हत्यारों के खिलाफ गंभीर और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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