सार

UP की ताज नगरी आगरा में महिला के नाम पर 25 प्रसव और 5 नसबंदी दिखाकर जननी योजना के नाम पर 45,000 रुपये का फर्जीवाड़ा, स्वास्थ्य विभाग के 5 लोग गिरफ्तार, जांच जारी।

 

Agra Health Scam: उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले से एक चौंकाने वाला स्वास्थ्य घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे विभाग को सवालों के घेरे में ला दिया है। यहां एक ही महिला के नाम पर 30 महीनों में 25 प्रसव और 5 नसबंदी के फर्जी रिकॉर्ड बनाए गए। यह घोटाला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत चल रही योजनाओं के नाम पर किया गया।

कैसे हुआ घोटाला? 

आगरा के फतेहाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में की गई ऑडिट जांच में ये घोटाला उजागर हुआ। रिकॉर्ड में एक महिला कृष्णा कुमारी के नाम पर 2021 से 2023 के बीच 25 बार डिलीवरी और 5 बार नसबंदी दिखायी गई। इस फर्जीवाड़े से स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ₹45,000 तक का सरकारी लाभ हड़प लिया।

महिला को नहीं थी जानकारी 

जिस महिला के नाम पर यह सारा फर्जी रिकॉर्ड तैयार किया गया, उसका नाम कृष्णा है।  कृष्णा कुमारी के 2 बच्चे हुए। इसके बाद उन्होंने नसबंदी करा ली। अब पता चला कि डॉक्यूमेंट्स में कृष्णा की ढाई साल में 25 बार डिलीवरी, 5 बार नसबंदी हुई है।वह खुद इन सब बातों से अनजान थी। उसकी कोई डिलीवरी नहीं हुई थी और न ही वह किसी योजना के लिए आवेदनकर्ता थी। घोटालेबाजों ने फर्जी दस्तावेज, बैंक खाता और रिकॉर्ड तैयार कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

कौन-कौन है आरोपी? 

पुलिस जांच में पांच लोगों की भूमिका पाई गई, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। FIR में नामजद आरोपी इस प्रकार हैं:

  • गौरव थापा – ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर
  • नीरज अवस्थी – ब्लॉक अकाउंटिंग मैनेजर
  • गौतम सिंह – डेटा एंट्री ऑपरेटर
  • अजहर अहमद – अन्य CHC से डेटा ऑपरेटर
  • अशोक कुमार – गांव का एजेंट, जिसने महिला के नाम पर बैंक खाता खोला

क्यों किया गया घोटाला? 

इन लोगों ने NHM के तहत मिलने वाले लाभ जैसे –

  • ग्रामीण डिलीवरी: ₹1,400
  • नसबंदी: ₹2,000 के लिए फर्जी बिल और एंट्रीज़ तैयार कीं। इस तरह उन्होंने 25 डिलीवरी और 5 नसबंदी के नाम पर कुल ₹45,000 का फंड निकाला।

CMO आगरा ने क्या कहा? 

आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जांच जारी है। उन्होंने कहा कि "ये घोटाला विभाग के अंदर की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता। इसमें प्रशासनिक कर्मचारियों, नर्सों और डॉक्टर्स की भूमिका की भी जांच की जा रही है।"