सार

वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर परिसर में वजूखाने के सील इलाके को छोड़कर कल से एएसआई टीम सर्वे शुरू करेगाी। यह सर्वे कैसे होगा और किस टेक्नोलॉजी का इसमें प्रयोग होगा पढ़ें पूरी खबर में। 

उत्तर प्रदेश। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कल से शुरू होने जा रहा है। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर एएसाई की टीम बाकी बचे सभी स्थानों के वैज्ञाानिक सर्वे सोमवार से करने जा रही है। इस गंभीर मामले में टीम किस बेस पर और किस तकनीकी माध्यम का प्रयोग कर सर्वे करेगी एवं किन बातों का ध्यान रखेगी ये जानना भी जरूरी है। आइए जानते हैं कि कैसे किया जाएगा सर्वे…

सर्वे के लिए इस्तेमाल होगी खास तकनीक
जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे एएसआई की विशेष टीम शुरू करने जा रही है। टीम वजूखाने के एरिया का सर्वे नहीं करेगी जहां शिवलिंग होने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और माडर्न टेकनीक का प्रयोग किया जाएगा।

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सर्वे में हिन्दू पक्ष के उस दावे की भी जांच होगी जिसमें कहा गया है कि मसजिद परिसर में मौजूद बीच के गुम्बद की जमीन के नीचे से धपधप की आवाज आती है। उसके नीचे कोई मूर्ति होने का भी अंदेशा जताया जा सकता है। हालांकि अधिवक्ताओं का कहना है कि वजूखाने के सील क्षेत्र का सर्वे नहीं किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट 4 अगस्त को सौंपी जाएगी।

वजूखाना क्षेत्र के सर्वे पर है सुप्रीम कोर्ट की रोक
एएसआई की टीम कल से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करेगी लेकिन वजूखाना एरिया जहां पर हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया है, उस एरिया से दूर रहेगी। टीम उस एरिया का सर्वे नहीं करेगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उस एरिया के सर्वे पर फिलहाल रोक लगा रखी है। 

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सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से सर्वे संबंधी जिला जज के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। मसाजिद कमेटी का कहना है कि एएसआई से सर्वे का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई है। याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी।