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रामलला हम आएंगे-मंदिर वहीं बनाएंगे: अयोध्या के राममंदिर से जुड़ीं कुछ तारीखें रामभक्त कभी नहीं भूलेंगे, पढ़िए 12 बड़ी बातें
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नई दिल्ली/अयोध्या. 'रामलला हम आएंगे-मंदिर वहीं बनाएंगे'...यह नारा 1990 के दशक में पुरजोर पर था। ये वही वक्त था, जब राममंदिर आंदोलन को लेकर लालकृष्ण आडवाणी सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे। 9 नवंबर, 2019 को जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर राममंदिर के पक्ष में फैसला आया, तो 500 साल पुराने विवाद का पटाक्षेप हो गया। 5 अगस्त, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर का भूमि पूजन किया था। तब से लगातार मंदिर और उसके आसपास डेवलपमेंट वकर्स जारी था। अब संकेत मिले हैं कि जनवरी, 2024 में राममंदिर का भव्य निर्माण होगा। पढ़िए कुछ दिलचस्प फैक्ट्स....
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान से संकेत दिए हैं कि अयोध्या में राममंदिर का जनवरी, 2024 में उद्घाटन हो सकता है।
उद्घाटन से पहले राममंदिर परिसर का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा करने की दिशा में युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
राम मंदिर परिसर में सहादतगंज से नया घाट तक 13 किलोमीटर लंबे रामपथ पर भी काम चल रहा है।
राम मंदिर पूर्व से पश्चिम तक 380 फुट लंबा, दक्षिण से उत्तर तक 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है।
25 मई को VHP के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भाग लेने के लिए हरिद्वार पहुंचे राय ने बताया कि शुद्ध ग्रेनाइट से बना राम मंदिर का मंच 16 फीट ऊंचा है। सोर्स- getty images
राम मंदिर के तीन मंजिलों पर 392 स्तंभ या स्तंभ हैं। दिलचस्प है कि इनके निर्माण में लोहे और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
राम मंदिर के रामजानकी पथ और भक्ति पथ के कंस्ट्रक्शन की आउटलाइन भी तैयार हो चुकी है। यह रोड कॉरिडोर श्री राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही को आसान बनाएंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, राम जन्मभूमि पथ की चौड़ाई 30 मीटर और भक्ति पथ की चौड़ाई 14 मीटर होगी।
उत्तराखंड के हरिद्वार में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से कहा कि मंदिर का उद्घाटन 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक कभी भी किया जा सकता है।
बता दें कि राममंदिर आंदोलन 1992 में उग्र हो गया था। तब बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था। अब उसी जगह पर ये राम मंदिर बन रहा है।
भाजपा ने श्रीराम जन्म भूमि को लेकर लंबी राजनीतिक लड़ाई लड़ी। चुनाव भी इसी के आधार पर लड़े।