सार
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को एक साल की सजा सुनाई गई है। उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी कोर्ट की ओर से लगाया गया है। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले के एक मामले में यह फैसला आया है।
प्रयागराज: यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को एससी-एससी एक्ट में एक साल की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ ही उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले को लेकर मुट्टीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह फैसला जिला न्यायालय की विशेष न्यायालय ने सुनाया है।
बचाव के लिए पेश किए गए 3 गवाह
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आपको बता दें कि न्यायालय ने नंद गोपाल गुप्ता के खिलाफ दलित पर जानलेवा हमले की कोशिश के विचाराधीन मामले में गुरुवार को बहस पूरी हुई। बहस के दौरान मंत्री ने अपने बचाव में तीन गवाहों की सूची को कोर्ट के सामने पेश किया। इस बीच एमपी एमएलए के विशेष न्यायाधीश डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल के सामने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने कोर्ट में हाजिर हुए गवाहों से जिरह किया। मंत्री की ओर से कृष्ण कुमार मिश्र, ज्ञानेंद्र कुमार और मदन लाल गुप्ता को कोर्ट के सामने पेश किया गया था। गुरुवार को दोनों ही पक्षों के ओर से बहस पूरी होने के बाद नंदी के अधिवक्ताओं के द्वारा कोर्ट में लिखित बहस प्रस्तुत करने को लेकर भी अर्जी दी गई।
जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और फायरिंग का आरोप
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नंदी कांग्रेस पार्टी के लोकसभा के उम्मीदवार थे। उस समय उनके खिलाफ वेंकट रमण शुक्ला ने मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मुकदमा 3 मई 2014 को मुट्टीगंज थाने में दर्ज करवाया गया था। आरोप लगा था कि सपा कार्यकर्ताओं से मारपीट नंदी के ललकारने के बाद ही की गई। इस बीच जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया और जान से मारने की नियत से फायरिंग भी की गई।
विधानसभा सदस्यता को लेकर नहीं है कोई दिक्कत
दोषी करार दिए जाने और सजा मिलने के एलान के बाद भी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की विधानसभा सदस्यता समाप्त नहीं की जाएगी। दरअसल 2 साल या उससे अधिक सजा होने पर ही विधानसभा की सदस्यता समाप्त होती है। नंद गोपाल गुप्ता को 1 साल की सजा हुई है। लिहाजा उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर फिलहाल कोई दिक्कत नहीं आएगी।
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