सार

माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर मामले की जांच करने के लिए 25 अप्रैल यानी मंगलवार की दोपहर मानवाधिकार आयोग की टीम झांसी पहुंची। यहां पहुंचने के बाद टीम सदस्यों ने पूरे घटनाक्रम का रीक्रिएशन किया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बीते दिनों राज्य के झांसी जिले में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम का एनकाउंटर किया था। इसकी जांच करने मंगलवार की दोपहर मानवधिकार आयोग की टीम पहुंची। टीम के सदस्यों ने एनकाउंटर वाली जगह पर पहुंचकर पूरी घटना का रीक्रिएशन किया। इस दौरान उन्होंने फायरिंग रेंज समेत आने जाने वाले रास्ते समेत आसपास के लोगों से पूछताछ कर सभी के बयान भी दर्ज किए हैं। घटनास्थल पर मानवाधिकार टीम करीब दो घंटे तक रही।

दोनों पर था पांच-पांच लाख रुपए का इनाम

यूपी एसटीएफ ने झांसी में मुठभेड़ के दौरान असद अहमद को मार गिराया था। वहीं इस घटना को लेकर झांसी के जिला मजिस्ट्रेट ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं। दोनों के एनकाउंटर के बाद इस मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गई थी तो वहीं विपक्ष ने इसको लेकर राज्य में योगी आदित्यनाथ सरकार की जमकर आलोचना भी की थी। इस मुठभेड़ को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए थे। इतना ही नहीं विपक्ष ने एसटीएफ से लेकर योगी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। बाहुबली अतीक के बेटा असद और गुलाम को पुलिस राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या मामले में तलाश कर रही थी। दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम भी था।

अतीक और उसके भाई की भी हुई थी हत्या

आपको बता दें कि 13 अप्रैल को बड़ागांव थाने के परीछा बांध के पास उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच लाख के वांछित बदमाश असद और उसके साथी शूटर गुलाम को एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में एक एफआई आर दर्ज की थी। इसी सिलसिले में जांच करने के लिए टीम मंगलवार यानी 25 अप्रैल को झांसी पहुंची। घटनास्थल की जांच करने के बाद टीम के सदस्यों ने मीडिया प्रतिनिधियों से कोई बात नहीं की। असद के एनकाउंटर के बाद ही उसके पिता अतीक अहमद व चाचा अशरफ की भी पुलिस व मीडियाकर्मियों के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फिलहाल उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस गुड्डू बमबाज और अतीक की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश कर रही है।

यूपी बोर्ड 12वीं के टॉपर शुभ चपरा बोले- सफलता के लिए लगातार मेहनत जरूरी, आगे करना चाहते हैं सिविल सर्विस की तैयारी