सार

भारत में वक्फ बोर्ड को सबसे ज्यादा जमीन किसने दान की? निज़ाम, मुगलों और व्यापारियों का क्या योगदान था? जानिए भारत में वक्फ संपत्तियों की पूरी सूची और रहस्यमय दानदाताओं की जानकारी।

Waqf Property Donors: भारत में वक्फ बोर्ड सें संबंधित बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है। राष्ट्रपति का अनुमोदन मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। वक्फ बोर्ड भारत में धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए संपत्ति का प्रबंधन करने वाली संस्था है। दिसंबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास लगभग 872,000 रजिस्टर्ड संपत्तियाँ और 940,000 एकड़ से अधिक ज़मीन है, जो इसे भारत का तीसरा सबसे बड़ा ज़मीन मालिक बनाता है (Source: Sachar Committee Report, 2006 और Ministry of Minority Affairs Data)।

Waqf का अर्थ और इतिहास 

वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है, जिसका स्रोत अरबी शब्द "वक़्फ़" है, जिसका अर्थ है: "ईश्वर की सेवा में स्थायी रूप से संपत्ति को समर्पित करना"। जब कोई मुसलमान संपत्ति को वक्फ करता है, तो वह संपत्ति अल्लाह के नाम पर समर्पित मानी जाती है और वह स्थायी रूप से धार्मिक या सामाजिक कल्याण के लिए प्रयुक्त होती है।

भारत में वक्फ को सबसे ज्यादा संपत्ति दान करने वाले 4 ऐतिहासिक लोग

1. हैदराबाद के निज़ाम (Asaf Jahi Dynasty):  सबसे बड़े वक्फ दानदाताओं में से एक।

मीर उस्मान अली खान (1911–1948), आखिरी निज़ाम, ने हजारों एकड़ ज़मीन दरगाहों, मस्जिदों और मदरसों के नाम वक्फ की। निज़ाम ने यादगिरिगुट्टा मंदिर, तिरुपति मंदिर और स्वर्ण मंदिर, अमृतसर को भी बड़े पैमाने पर दान दिया (Source: The Hindu Archives, 1937).

2. मुगल शासक

अकबर, जहांगीर, शाहजहां, और औरंगज़ेब ने भारत के विभिन्न भागों में मस्जिदों और मदरसों के लिए वक्फ संपत्तियाँ दान कीं। जहांआरा बेगम (शाहजहां की बेटी) ने भी वक्फ के तहत धार्मिक शिक्षा और सूफी स्थलों के लिए ज़मीनें समर्पित कीं (Source: Mughal India: Splendour of the Mughals and the Decline, R.C. Majumdar).

3. सूफी संतों के अनुयायी

दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया, अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, पंजाब के बाबा फरीद, और बहराइच के सालार मसूद ग़ाज़ी जैसे संतों की दरगाहों को उनके अनुयायियों और जागीरदारों ने विशाल संपत्तियां वक्फ कीं। ये दरगाहें आज भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति हैं (Source: ASAR-ul-Sanadid by Sir Syed Ahmad Khan).

4. आधुनिक दानदाता (Modern donors of Wakf Board)

सर सैयद अहमद खान, जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में योगदान दिया, ने भी वक्फ संपत्ति का उपयोग किया। अजीम प्रेमजी (Wipro) और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जैसे व्यक्तियों ने शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए संस्थाओं को समर्थन दिया है (Source: Waqf Board Annual Report)।

वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का महत्व 

ये संपत्तियां मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों, स्कूलों, अस्पतालों, सामुदायिक भवनों, और गरीबों की सहायता के लिए प्रयुक्त होती हैं। प्रमुख वक्फ क्षेत्र: दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, अजमेर, अहमदाबाद।

 विवादों में घिरा वक्फ बोर्ड

हालांकि वक्फ संपत्तियां धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए हैं, लेकिन इनका स्वामित्व और उपयोग को लेकर कई विवाद भी होते रहे हैं। भारत में दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद और अजमेर में वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं, लेकिन इनमें से कई पर अतिक्रमण और कानूनी विवाद जारी हैं। बढ़ते विवादों की संख्या के बाद से ही इस पर एक कानून बनाने की मांग उठने लगी थी। सच्चर कमेटी ने भी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के लिए कानून का सूझाव दिया था। अब लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से वक्फ बोर्ड बिल पास हो चुका है। जल्द ही यह कानून की शक्ल ले लेगा।