सार
यूपी में अब अचल संपत्ति की पावर ऑफ अटार्नी कराने में लोगों को अपनी जेबें ढीली करनी होंगी। अब इस पर भी रजिस्ट्री की तरह ही स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि परिवार के मेंबर्स को इससे छूट मिलेगी। पर उन्हें भी कम से कम 5 हजार रुपये अदा करना…
लखनऊ। यूपी में अब अचल संपत्ति की पावर ऑफ अटार्नी कराने में लोगों को अपनी जेबें ढीली करनी होंगी। अब इस पर भी रजिस्ट्री की तरह ही स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि परिवार के मेंबर्स को इससे छूट मिलेगी। पर उन्हें भी कम से कम 5 हजार रुपये अदा करना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
पावर ऑफ अटार्नी के नये नियम से कर चोरी रूकेगी
पावर ऑफ अटार्नी में कर चोरी रोकने के मकसद से सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। यदि परिवार से अलग किसी को संपत्ति बेचने का अधिकार देना हो तो उसके लिए पावर ऑफ अटार्नी देनी होती है। कैबिनेट के फेसले के बाद पावर ऑफ अटार्नी भी रजिस्ट्री की तरह ही हो गया है। अब तक पावर ऑफ अटार्नी के नाम पर कर चोरी के बड़े खेल हो रहे थे, जो रूकेंगे।
पहले सिर्फ 50 रुपये देना होती थी फीस
पहले पांच लोगों की पावर ऑफ अटार्नी पर सिर्फ 50 रुपये का शुल्क देना होता था। पर अब ऐसा नहीं होगा। उसकी जगह संपत्ति के बाजार मूल्य पर स्टांप शुल्क लगेगा। बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में ऐसी ही व्यवस्था है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पावर ऑफ अटार्नी पर 3 फीसदी स्टांप शुल्क लगता है।
ये हैं फैसले की खास बातें
- पावर ऑफ अटार्नी के रजिस्ट्रेशन की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी।
- भू संपत्ति की अवैध खरीद फरोख्त का बना जरिया।
- पश्चिमी यूपी के जिलों में तेजी से चल रहा था ये खेल।
- पश्चिमी यूपी के जिलों में संपत्ति की खरीद व बिक्री के लिए एक दूसरे से पावर ऑफ अटार्नी कराई जाती थी। फिर संपत्तियों को बेचा जाता था। उसमें भी सिर्फ स्टांप के 50 रुपये खर्च होते थे।
- पांच साल में यूपी के निबंधन कार्यालयों में 102486 विलेख पंजीकृत हुए।
- रीयल एस्टेट कारोबारी इसकी आड़ में गड़बड़ी कर रहे थे।