सार
Prayagraj Mahakumbh 2025: धर्म और आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन प्रयागराज रोज-ब-रोज श्रद्धालुओं के रिकॉर्ड आमद का इतिहास बना रहा है। महाकुंभ में हर रोज संगम में डुबकी लगाने का नया रिकॉर्ड बन रहा है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अबतब 15 करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या पर होने वाले दूसरे शाही स्नान के लिए पहले से ही श्रद्धालुओं का भारी रेला पहुंच चुका है और यह सिलसिला लगातार जारी है।
संगम में डुबकी लगाने का लगातार टूट रहा रिकॉर्ड
संगम में इस बार महज 16 दिनों में ही 15 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। पहले शाही स्नान पर करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगायी थी। जबकि महाकुंभ के पहले दिन यानी 13 जनवरी को डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों ने पवित्र नदी में स्नान किया था।
किस दिन कितने लोगों ने लगाई संगम में डुबकी?
महाकुंभ डेट | संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या |
---|---|
13 जनवरी | 1.7 करोड़ |
14 जनवरी | 3.5 करोड़ |
15 जनवरी | लगभग 30 लाख |
16 जनवरी | लगभग 30 लाख |
17 जनवरी | 27.8 लाख से अधिक |
18 जनवरी | 25 लाख से अधिक |
19 जनवरी | 22.7 लाख से अधिक |
20 जनवरी | 50 लाख से अधिक |
21 जनवरी | 43.18 लाख |
22 जनवरी | 42.30 लाख |
23 जनवरी | 47.72 लाख |
24 जनवरी | 58.76 लाख |
25 जनवरी | 67.13 लाख |
26 जनवरी | 1.74 करोड़ |
27 जनवरी | 1.88 करोड़ |
28 जनवरी | 4.64 करोड़ (स्नान अभी जारी है) |
मौनी अमावस्या पर संगम स्नान का टूटेगा रिकॉर्ड
बुधवार 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन स्नान का विशेष महत्व है। महाकुंभ में करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच चुके हैं। यही नहीं देश के तमाम तीर्थस्थलों पर भी लोगों का रेला पहुंच रहा है। अयोध्या, काशी में भी लाखों लोग पहुंच चुके थे और लोगों का आना जारी था।
दरअसल, मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इसे आत्मसंयम, मौन और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और सभी पापों से मुक्ति का विश्वास किया जाता है। इस विश्वास के चलते लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे और भोर से लेकर देर रात तक संगम में आस्था की डुबकी लगाते रहे।
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आस्था और भक्ति का संगम
महाकुंभ में आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। गंगा-यमुना और विलुप्त नदी सरस्वती के संगम पर लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए पैदल चलने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। यहां उम्र की सारी बाधाएं टूटती नजर आ रही है। युवा से लेकर बुजुर्ग तक आस्था के इस संगम पर पवित्र स्नान को पहुंच रहा है।
महाकुंभ 2025 का अभी और शाही स्नान बाकी
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अभी कई प्रमुख स्नान पर्व आने बाकी हैं। इनमें बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसर शामिल हैं। मौनी अमावस्या को लेकर जो श्रद्धा और उत्साह देखने को मिल रहा उससे यह तय है कि आने वाले स्नान पर्वों पर भी संगम में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ेगी। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा।
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