सार
शहरी परिवहन आवश्यकताओं को लेकर आयोजित व्याख्यान में मेट्रो की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि तेजी से बढ़ते शहरों में मेट्रो अनिवार्य हिस्सा बनने के साथ अहम योगदान दे रहा है।
कानपुर: आइआइटी के सिविल इंजिनीरिंग विभाग की ओर से शहरी परिवहन आवश्यकताओं में अंतदृष्टि और भारतीय शहरों में आधुनिक मेट्रो के विषय पर व्याख्यान सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान वहां पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने शहरी परिवहन आवश्यकताओं और भारतीय शहरों में आधिनिक महानगरों की भूमिका पर संबोधित किया। इससे पहले वर्ष 2004 में शहरी परिवहन आवश्यकताओं में अंतदृष्टि और भारतीय शहरों में आधुनिक मेट्रो के विषय पर व्याख्यान डॉ. इ श्रीधरन ने किया था।
परिवहन में अहम हिस्सा बन रहा मेट्रो सिस्टम
पूर्व प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि जैसे- जैसे भारत के शहर तेजी से बढ़ रहे है, वैसे ही मेट्रो सिस्टम परिवहन मिश्रण के रूप में इस प्रगति का एक अनिवार्य हिस्सा बनने के साथ अहम योगदान दे रहे है। उन्होंने रेल परिवहन प्राणालियों को ज्यादा से ज्यादा बेहतर डिज़ाइन करने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें मेट्रो और आरआरटीएस परियोजना शामिल है जो आगे आने वाले भविष्य के दृष्टिकोण के साथ जो व्यस्तम समय-व्यस्तम दिशा के यातायात पर विचार पर केंद्रित करके कार्य कर रहे है। शहरी क्षेत्र के लोग पारगमन प्रणालीयों को न केवल परिवहन मॉडल के रूप में बल्कि लाभप्रदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापार मॉडल के रूप में भी योजनाबद्ध किया जाना चाहिए।
कई जनपदों में मेट्रो कार्य में रही अहम भूमिका
आपको बता दें कि कुमार केशव ने वर्ष 2014 में लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी संभाली थी व आठ साल तक प्रबंध निदेशक पद पर रहे। इस दौरान कुमार केशव ने लखनऊ, कानपुर और आगरा में मेट्रो को दौड़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनके जीवन के पिछले आठ साल पूरी तरह से यूपीएमआरसी के लखनऊ ,कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समर्पित रहे हैं। इस दौरान यूपीएमआरसी की उपलब्धियों का जिक्र भी किया गया। इसी के साथ किस तरह से यूपीएमआरसी ने नए कीर्तिमान रचे हैं उसको लेकर भी जानकारी दी गई।
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