सार
प्रयागराज, महाकुंभ नगर | महाकुंभ 2025 की भव्या तैयारी चल रही है, हालाकिं मेले के इस भव्यता और चकाचौंध के बीच मेले में मौजूद संतों का गुस्सा फूट पड़ा है। जानकारी है की संगम नगरी में महीनों से ठहरे साधु-संतों ने बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया। साधुसंतों का कहना है की प्रशासन ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण उन्हें विरोध जताना पड़ रहा है।
संतों ने जलाया धूनी, जताया विरोध
राजसी स्नान से पहले संतों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ खुलकर सामने आया। शुक्रवार को सेक्टर 19 के संगम लोवर मार्ग पर संतों ने सड़क पर धूनी जलाकर विरोध जताया। उनका कहना था कि न तो पीने का पानी उपलब्ध है और न ही बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पूरे रास्ते को जाम कर दिया गया, जिससे महाकुंभ की तैयारियों पर सवाल उठने लगे।
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प्रशासन को मिला अल्टीमेटम ‘या तो सुधार हो, या परिणाम भुगतें’
संतों ने प्रशासन को स्पष्ट अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो उनका विरोध और भी तेज होगा। चार घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन में संतों ने सेक्टर मजिस्ट्रेट से बात करने से इनकार कर दिया और मेलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग की।
संतों का कहना है कि महाकुंभ का आयोजन केवल आस्था और सेवा का पर्व नहीं है, बल्कि यह लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा हुआ है। लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उनका काम प्रभावित हो रहा है। संतों का कहना है, "अगर हमारे पास पीने का पानी तक नहीं है, तो हम श्रद्धालुओं का स्वागत कैसे करेंगे?"
कब मिलेगा समाधान?
प्रदर्शन के बाद खुफिया एजेंसियों और सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम मौके पर पहुंची और घंटों समझाने की कोशिश की। लेकिन संत अपनी मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने साफ कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो उनका विरोध और बढ़ेगा। महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले संतों का यह विरोध प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी जल्दी सुलझाता है, ताकि महाकुंभ की भव्यता में कोई भी व्यवधान न आए।
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