सार

ज्योतिषाचार्य हिमांशु मिश्रा ने प्रयागराज महाकुंभ पर ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव और श्रद्धालुओं के लिए सावधानियों पर प्रकाश डाला। 144 साल बाद बन रहे विशेष योग और संभावित दुर्घटनाओं के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी।

प्रयागराज में 12 साल बाद लग रहे महाकुंभ में पहुंचकर ज्योतिषाचार्य हिमांशु मिश्रा ने खास खुलासे किए। उन्होंने महाकुंभ की खासियत को ग्रह-नक्षत्रों के संदर्भ में समझाया और श्रद्धालुओं को अहम सलाह दी। हिमांशु मिश्रा ने कहा, "यह महाकुंभ 12 साल बाद आया है, लेकिन इस बार 144 साल बाद जो योग बन रहा है, वह इतिहास रचने वाला होगा।" उन्होंने ग्रहों की स्थिति के आधार पर कुंभ के महत्व और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, यह सब समझाया।

धनु राशि और बुध की स्थिति: ध्यान रखें संयम

हिमांशु मिश्रा के अनुसार, महाकुंभ के पहले स्नान के दौरान धनु राशि का प्रभाव रहेगा, जिसमें बुध बैठा हुआ है और उसका स्वामी छठे घर में स्थित है। इस स्थिति के कारण तीर्थ स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के मन में कुछ नकारात्मक विचार उत्पन्न हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने अपील की कि किसी भी प्रकार की घृणा या दोषयमन न रखें, अन्यथा पुण्य की प्राप्ति में कमी हो सकती है।

वक्रीय मंगल और दुर्घटनाओं से बचने की सलाह

आगे उन्होंने कहा, "अष्टम घर में वक्रीय मंगल का प्रभाव दुर्घटनाओं का संकेत दे सकता है। मैं सभी श्रद्धालुओं से यह अनुरोध करूंगा कि वे इस दौरान सावधान रहें।" हिमांशु मिश्रा ने विशेष रूप से आगाह किया कि यह समय दुर्घटनाओं को बुलावा दे सकता है, इसलिए यात्रा के दौरान सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।

महाकुंभ का आयोजन: परिवर्तन योग और आस्था का महत्व

मिश्रा जी ने बताया कि इस बार कुंभ का आयोजन ऐतिहासिक होगा, और यहां की व्यवस्थाएं पूरी दुनिया में चर्चित होंगी। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों पर विश्वास रखने और उनके प्रति आस्था रखने की भी सलाह दी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ का आयोजन 12 वर्ष बाद होता है और यह महाकुंभ ही है, जिसे विशेष रूप से बृहस्पति के गोचर और शुक्र के राशि में बैठने के बाद मान्यता मिलती है।

कुंभ का लाभ: चंद्रमा की स्थिति और आर्थिक समृद्धि

हिमांशु मिश्रा ने बताया कि इस महाकुंभ के दौरान चंद्रमा सत्यं घर में बैठा हुआ है, जो लोगों की जीविका में वृद्धि का संकेत देता है। उनके अनुसार, इस बार के महाकुंभ का प्रभाव आर्थिक स्थिति को सुधारने वाला साबित हो सकता है और यह श्रद्धालुओं के लिए सोने का सिक्का साबित हो सकता है। प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन इस बार खास इसलिए है क्योंकि इसमें ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव के चलते श्रद्धालुओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हिमांशु मिश्रा ने सभी को सुझाव दिया कि वे इस अवसर का सही लाभ उठाएं, लेकिन साथ ही सावधानी बरतते हुए अपने आस्थाओं और विश्वासों को मजबूत रखें।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 144 साल बाद बन रहा ये खास संयोग, इतिहास रचा जाएगा

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