सार

कोरोना संकट के इस दौर में एशिया के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी का सितारा पूरी तरह बुलंदी पर नजर आ रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म्स में दुनिया की बड़ी कंपनियां लगातार इन्वेस्टमेंट करती जा रही है। अब सऊदी अरब की वेल्थ फंड ने जियो प्लेटफॉर्म्स में हजारों करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। 

टेक डेस्क। कोरोना संकट के इस दौर में एशिया के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी का सितारा पूरी तरह बुलंदी पर नजर आ रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म्स में दुनिया की बड़ी कंपनियां लगातार इन्वेस्टमेंट करती जा रही है। अब सऊदी अरब की वेल्थ फंड ने जियो प्लेटफॉर्म्स में हजारों करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो महीने में अलग-अलग कंपनियों से डील कर मुकेश अंबानी ने 1.04 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। अब यह जानकारी मिली है कि उनकी डील सऊदी अरब की पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड से हो रही है, जो जल्दी ही 11300 करोड़ रुपए (करीब 150 करोड़ डॉलर) का निवेश कर जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.33 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। 

25 फीसदी हो जाएगी विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी
सऊदी अरब की पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड अगर जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.33 फीसदी हिस्सेदारी खरीदती है तो विदेशी कंपनियों की जियो में हिस्सेदारी 25 फीसदी हो जाएगी। इसके पहल रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले 8 हफ्ते में 9 कंपनियों से डील कर 1.04 लाख करोड़ रुपए में जियो की 22.23 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। 

फेसबुक के साथ हुई थी इन्वेस्टमेंट की शुरुआत
रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो में इन्वेस्टमेंट के लिए डील सबसे पहले फेसबुक से 22 अप्रैल को हुई थी। तब फेसबुक ने जियो में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके बाद से कुल 9 कंपनियों वे आरआईएल की डील हो चुकी है और कंपनी ने 1,04,326.9 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। पिछले हफ्ते 6,441.3 करोड़ रुपए में 1.32 फीसदी हिस्सेदारी टीपीजी और एल कैटरटॉन ने ली है।

दिसंबर तक ही कर्जमुक्त हो सकती है RIL
जिस तेजी से जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश हो रहा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस साल दिसंबर तक ही कर्जमुक्त हो जाएगी। वैसे मुकेश अंबानी ने कंपनी को मार्च, 2021 तक पूरी तरह कर्जमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। रिलांयस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के पास 38.8 करोड़ मोबाइल कस्टमर हैं। विदेशी निवेश के अलावा, 53,125 करोड़ रुपए के राइट इश्यू से भी मुकेश अंबानी को काफी फायदा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, मार्च तिमाही के अंत तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 3,36,294 करोड़ रुपए का बकाया था, जबकि 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी मौजूद थी।