सार
प्रगति मैदान में डिप्लोमैटिक एरिया में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। भारत मंडपम से लेकर कर्तव्य पथ तक कोने-कोने तक नजर रखी जा रही है। ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर लगाए गए हैं।
टेक डेस्क : नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) में शामिल होने दुनियाभर के तमाम नेता पहुंचने लगे हैं। एयरपोर्ट, होटल से लेकर प्रगति मैदान तक जोरदार सुरक्षा की गई है। पूरे दिल्ली को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। 30 हजार से ज्यादा जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। डिप्लोमैटिक एरिया में सुरक्षा का पहरा कड़ा है। यहां तक पहुंच पाना किसी के लिए भी असंभव है। इस बीच जी20 सम्मेलन के आयोजन स्थल पर ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर लगा दिए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है यह टेक्नोलॉजी और यह कैसे काम करती है?
अभेद्य किला बना दिल्ली
नई दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था इतनी टाइट है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। प्रगति मैदान में डिप्लोमैटिक एरिया में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। भारत मंडपम से लेकर कर्तव्य पथ तक कोने-कोने तक नजर रखी जा रही है। प्रगति मैदान में वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए खास तौर पर DRDO ने एंटी ड्रोन रडार ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर को लगाया गया है। यह पलक झपकते ही किसी भी उड़ते ऑब्जेक्ट की खबर दे देगा। इसकी पहुंच में काफी बड़ा एरिया है। इससे स्नाइपर्स तक का पता लगाया जा सकता है। सबसे कड़ी सुरक्षा आयोजन स्थल प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम से लेकर कर्तव्य पथ तक है जहां परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा.
जी20 समित को लेकर ऐसी है दिल्ली की सुरक्षा
पूरी दिल्ली की सुरक्षा जवानों ने अपने हाथ में ले ली है। दिल्ली पुलिस के जवान, पैरामिलिट्री फोर्स, एनएसजी और सीआरपीएफ के कमांडो तैनात हैं। इसके अलावा एंटी एयरक्राफ्ट गन, 40 हज़ार से अधिक CCTV कैमरे, फेस रिकॉगनिशन कैमरे, पुलिस और कमांडो के स्नाइपर्स खोजी डॉग्स, रगति मैदान के नीचे टनल में फोर्स की तैनाती, मेहमानों को होटलों में 24 घंटे की सुरक्षा व्यवस्था, भारत मंडपम और होटलों के ऊपर नो फ़्लाई ज़ोन है।
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