सार

स्पेसएक्स की स्टारशिप को अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा, मंगल और उससे आगे भेजने के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी टेस्टिंग हो रही थी।

SpaceX's Starship exploded: दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट गुरुवार को अपनी पहली उड़ान के दौरान ही फट गया। स्पेसएक्स की स्टारशिप को अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा, मंगल और उससे आगे भेजने के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी टेस्टिंग हो रही थी लेकिन अंतरिक्ष यान की पहली टेस्ट फ्लाइट के दौरान ही यह फट गया। विशालकाय रॉकेट को टेक्सास के बोका चिका में निजी स्पेसएक्स स्पेसपोर्ट स्टारबेस से सुबह 8:33 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

स्पेसएक्स ने बताया कि यह हमारी सफलता है, बहुत कुछ सीखने को मिला

स्टारशिप कैप्सूल को उड़ान के तीन मिनट के पहले चरण के रॉकेट बूस्टर से अलग होने के लिए निर्धारित किया गया था लेकिन अलगाव नहीं हो पाया और रॉकेट में विस्फोट हो गया। पहला फ्लाइट टेस्ट पूरा करने में विफल रहने के बावजूद, स्पेसएक्स ने इसे सफल घोषित किया। स्पेसएक्स ने ट्वीट किया, "इस तरह के परीक्षण के साथ हम जो सीखते हैं उससे सफलता मिलती है और आज का परीक्षण हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता में सुधार करने में मदद करेगा क्योंकि स्पेसएक्स जीवन को मल्टी-प्लेनेटरी बनाना चाहता है।"

SpaceX पहली लांच टेक्निकल इशू की वजह से टली थी

सोमवार शाम करीब 6 बजकर 50 मिनट पर स्टारशिप को लॉन्च होना था। लेकिन प्रेशर वाल्व में दिक्कत आने की वजह से लांच को रोक दिया गया था। रॉकेट को रीसेट करने में कम से कम 48 घंटे लगने की बात कही गई थी। ​​​स्टेनलेस स्टील से बने स्टारशिप को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया था। स्टारशिप में 164 फुट (50 मीटर) लंबा अंतरिक्ष यान होता है जिसे क्रू मेंबर्स और कार्गो को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 230 फीट लंबा फर्स्ट स्टेज सुपर हेवी बूस्टर रॉकेट पर फिट होता। पढ़िए पूरी खबर…

NASA ने स्टारशिप अंतरिक्ष यान को चुना

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2025 के अंत में चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को फेरी लगाने के लिए स्टारशिप अंतरिक्ष यान को चुना है। यह मिशन आर्टेमिस III के रूप में जाना जाता है। 1972 में अपोलो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पहली बार यह अभियान जारी किया जाएगा। दरअसल, इस स्पेसशिप से इंसान एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर यात्रा कर सकते हैं। इसके लांच का सफल होना स्पेस साइंस का क्रांतिकारी पड़ाव में प्रवेश करना है। इस स्पेसशिप की मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे प्लेनेट पर कदम रखेगा। एलन मस्क साल 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा।

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