सार
टेक कंपनी विप्रो एक AI आधारित टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। कंपनी ने IISC बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च के साथ पार्टनरशिप की है। विप्रो की RND टीम एक पर्सनल केयर इंजन को डिजाइन और विकसित करेगी। इससे हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकेगा।
बिजनेस डेस्क. IT कंपनी विप्रो दिल की बीमारियों के रिस्क को कम करने के लिए एक टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। इसके लिए कंपनी ने IISC बेंगलुरु से पार्टनरशिप की है। ये मिलकर एक पर्सनल केयर इंजन डेवलप करने की तैयारी की जा रही है। कंपनी ने 28 मई को इसकी जानकारी अपनी फाइलिंग एक्सचेंज में दी थी। इसमें कंपनी ने बताया कि AI का इस्तेमाल करके बीमारी को दूर किया जा सकता है।
इस प्रोजेक्ट के लिए विप्रो की IISC से साझेदारी
विप्रो ने इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि AI का उपयोग करके दिल की बीमारियों से बचा जा सकता हैं। इसके लिए कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) बेंगलुरु में सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च (CBR) के साथ पार्टनरशिप की है। पर्सनल केयर इंजन यूजर्स के साथ अपनी बातचीत को पर्सनालाइड करने, उनके लंबे समय तक स्वास्थ्य के मुताबिक कस्टमाइज करने के लिए AI का इस्तेमाल करके हृदय रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के जोखिम को कम करने और इसे मैनेज करने के लिए ध्यान देगा।
ऐप के जरिए होगी टेस्टिंग
विप्रो IISC में सीबीआर के सहयोग से डिजिटल ऐप बेस्ड टेक्नोलॉजी से इंजन की टेस्टिंग की जाएगी। कंपनी ने कहा कि इस पार्टनरशिप से टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए AI, मशीन लर्निंग और बड़े डेटा एनालिटिक्स के पावर का इस्तेमाल करेगी।
ये टीम करेगी PCI का डिजाइन तैयार
विप्रो ने कहा कि उसकी RND टीम एक पर्सनल केयर इंजन को डिजाइन और विकसित करेगी। ये टीम यह लैब 45 की हिस्सा है। इससे किसी व्यक्ति के मेडिकल हिस्ट्री, स्वास्थ्य स्थिति और दूसरी चीजों पर ध्यान देगा।
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