सार

अहमदुल्ला के फेसबुक और यूट्यूब पर 30 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वे हर रोज मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक मुद्दों पर चर्चा करते हुए नजर आते हैं। शनिवार को उन्होंने तीन मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने फेसबुक पर लोगों का मजाक उड़ाने पर चर्चा की और एक फतवा जारी किया, जिसमें बताया गया कि यह मुसलमानों के लिए पूरी तरह से हराम है। 

नई दिल्ली. क्या कभी आपने सोचा था कि फेसबुक की स्माइली यानी हा हा इमोजी को लेकर भी कोई आपत्ति जता सकता है? शायद नहीं। लेकिन बांग्लादेशी मौलवी ने इस इमोजी का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। 

मुसलमानों के लिए बताया हराम
अहमदुल्ला के फेसबुक और यूट्यूब पर 30 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वह नियमित रूप से मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक मुद्दों पर चर्चा करते हुए नजर आते हैं। शनिवार को उन्होंने तीन मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने फेसबुक पर लोगों का मजाक उड़ाने पर चर्चा की और एक फतवा जारी किया, जिसमें बताया गया कि यह मुसलमानों के लिए पूरी तरह से हराम है। 

अहमदुल्ला ने बताया, उन्हें क्या दिक्कत है?
अहमदुल्ला ने वीडियो में कहा, आजकल हम लोगों का मजाक उड़ाने के लिए फेसबुक के हाहा इमोजी का इस्तेमाल करते हैं। अगर हम हाहा इमोजी का सही मन से इस्तेमाल करते हैं तो यह ठीक है। लेकिन अगर आपका उद्देश्य सोशल मीडिया पर पोस्ट करने या टिप्पणी करने वाले लोगों का मजाक उड़ाना है, तो यह इस्लाम में पूरी तरह से वर्जित है। 

हजारों यूजर्स ने वीडियो पर प्रतिक्रिया दी। अधिकांश ने इसे सकारात्मक बताया। हालांकि कुछ ने इसका मजाक उड़ाया। अहमदुल्ला बांग्लादेश के इंटरनेट प्रेमी इस्लामी उपदेशकों में से एक हैं। धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां लोकप्रिय हैं। उनके हर वीडियो को लाखों व्यूज मिलते हैं।