सार
बच्चा हूबहू माँ जैसा दिखता है ना? वही रंग, वही चेहरा… ज़्यादातर लोगों के मुँह से यही सुनने को मिलता है। बच्चे का रंग-रूप ज़रा भी अलग हुआ नहीं, लोग कहते हैं बच्चा माँ-बाप पर गया ही नहीं। पहले इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता था। अब सोशल मीडिया का ज़माना है। कुछ कमेंट्स लोगों के दिमाग में घर कर जाते हैं। इसी बात पर झगड़ा भी हो जाता है। कुछ माता-पिता टेस्ट करवाने तक पहुँच जाते हैं। विदेशों में डीएनए टेस्ट बेहद आसान है। इसलिए छोटी-छोटी बातों पर भी डीएनए टेस्ट आम हो गया है। ट्रोलर्स को मुँहतोड़ जवाब देने के लिए चार बच्चों की माँ ने डीएनए टेस्ट करवाया। टेस्ट रिपोर्ट देखकर सब हैरान रह गए।
एलेक्स और रॉब दंपति के चार बच्चे हैं। एलेक्स का रंग सांवला है। रॉब गोरे हैं। एलेक्स और रॉब के तीन बच्चों का रंग एलेक्स जैसा है। लेकिन चौथा बच्चा गोरा है। एलेक्स ने अपने चौथे बच्चे की फोटो सोशल मीडिया (Social media) पर पोस्ट की थी। इसे देखकर लोग ट्रोल करने लगे। माँ और बेटी के रंग में काफ़ी अंतर है। यह बच्ची गोद ली हुई है क्या, इसे कहाँ से लाये हो, एलेक्स ने रॉब को धोखा दिया है, ऐसे-ऐसे कमेंट्स सुनकर एलेक्स घबरा गई। दंपति को बेवजह टेंशन होने लगी। ट्रोलर्स का मुँह बंद करने के लिए दंपति ने बच्ची का डीएनए टेस्ट (DNA test) करवाने का फ़ैसला किया।
डीएनए टेस्ट रिपोर्ट में क्या है? : एलेक्स की चौथी संतान बेटी है। डीएनए टेस्ट से साफ़ हो गया कि यह एलेक्स और रॉब की ही बेटी है। दरअसल, एलेक्स ने आईवीएफ़ के ज़रिए इस बच्ची को जन्म दिया था। इसलिए बच्ची का रंग थोड़ा अलग है, ऐसा डॉक्टरों ने बताया।
ट्रूली नाम के यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) से बात करते हुए एलेक्स ने कहा, लोग मेरी बेटी को देखकर हमारे रिश्ते पर सवाल उठाने लगे थे। बच्ची की फोटो पर काफ़ी कमेंट्स आये थे। रॉब ने कहा, उनकी बेटी आईवीएफ़ के ज़रिए पैदा हुई है। इसलिए उनकी बेटी दूध की तरह गोरी है।
मामला सामने आने के बाद कुछ यूज़र्स ने रॉब और एलेक्स का समर्थन किया। पिता रॉब गोरे हैं, इसलिए बेटी गोरी है। ज़रूरी नहीं कि बच्चा माँ जैसा ही दिखे। लोगों को बच्चे के रंग से क्या दिक्कत है, माता-पिता के रंग के जैसे ही बच्चों का रंग होना ज़रूरी नहीं है, ऐसा कहकर कुछ लोग एलेक्स के साथ खड़े हुए।
चीन में कुछ दिन पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था। लेकिन डीएनए टेस्ट में बच्चा माता-पिता का नहीं निकला था। बच्चे का चेहरा देखकर माँ-बाप पहचानने का ज़माना अब नहीं रहा। विज्ञान के बढ़ते कदमों के साथ लोग अपनी पसंद का बच्चा पा सकते हैं। आईवीएफ़, एग फ़्रीज़िंग जैसे कई तरीकों से अब लोग बच्चे पैदा कर रहे हैं।