सार

हाथियों का एक परिवार मानसून के स्वागत में पश्चिमी घाट से पूर्वी घाट की ओर बढ़ रहा है। आईएएस अफसर सुप्रिया साहू ने इस वीडियो को पोस्ट कर लिखा है कि मानसून के लिए यह परिवार अब नीलगिरी से सत्यमंगलम की ओर बढ़ रहा है। 

ट्रेंडिंग डेस्क। भारत में पूर्वोत्तर में मानसून का मौसम अक्टूबर से लेकर दिसंबर के बीच रहता है। आने वाले कुछ हफ्तों में भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्व में भारी बारिश हो सकती है। तमिलनाडु में भी आने वाले कुछ हफ्तों में भारी बारिश की  संभावना है। ऐसे में हाथियों के अलग-अलग झुंड ने पश्चिमी घाट से पूर्वी घाट की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। इससे जुड़े एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। 

इस वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि हाथियों का एक परिवार, जिसमें चार सदस्य हैं, तमिलनाडु के नीलगिरी से सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व की ओर जाता दिख रहा है। क्लिप को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शनिवार को आईएएस अफसर सुप्रिया साहू ने पोस्ट किया है। उन्होंने इस पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा, दोस्तों यह साल का वह समय है जब हाथी पश्चिमी घाट से पूर्वी घाट की ओर पलायन करते हैं, क्योंकि उत्तर-पूर्व में मानसून अब खत्म होने को है। हाथियों का सुंदर सा परिवार नीलगिरी से सत्यमंगलम की यात्रा कर रहा है। टाइगर रिजर्व, खूबसूरत प्रकृति। 

 

 

इस छोटी सी क्लिप में हाथी के एक परिवार को शांति से एक ही दिशा में चलते हुए देखा जा सकता है। कुछ ही घंटों में शेयर किया गया यह वीडियो करीब 20 हजार बार देखा गया है, जबकि लगभग बारह सौ यूजर्स ने इसे पसंद किया है। वहीं, कई यूजर्स ने रीट्वीट और कमेंट के जरिए इस पर रिएक्शन दिए हैं। कमेंट सेक्शन में बहुत से इंटरनेट यूजर्स ने इस नजारे को खूबसूरत बताया है।  

ऐसे चल रहे जैसे गूगल मैप उन्हें रास्ता दिखा रहा 
कमेंट बॉक्स में एक यूजर ने लिखा, वास्तव में उन्हें झुंड में देखना बेहद खूबसूरत नजारा होता है। दूसरे यूजर ने ट्विप्पणी की, बहुत सुंदर, इन जंगली जानवरों के बिना जंगल की कल्पना नहीं की जा सकती। उम्मीद है कि उनकी संख्या जल्द ही बढ़ेगी। तीसरे यूजर ने कमेंट बॉक्स में लिखा, प्रकृति के काम करने का तरीका बेहद आकर्षक और अद्भुत है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। एक अन्य यूजर ने लिखा, यह देखना अच्छा और आकर्षक है कि वे कुछ इस तरह रास्ता तय कर रहे हैं, जैसे गूगल मैप का उपयोग कर रहे हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। फिर वे बिना मैप सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा कैसे पूरी कर लेते हैं, वो भी बिल्कुल सटीक। 

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