सार

जूनियर वकील ने देर से काम खत्म होने पर अगले दिन लेट आने का मैसेज भेजा, जिससे सीनियर वकील नाराज़ हो गईं और सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया। अब इस पर बहस छिड़ी हुई है कि क्या जूनियर सही थे या गलत।

नई दिल्ली : एक मैसेज पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। आज ऑफिस में काम की वजह से देर हो गई, इसलिए कल ऑफिस लेट आऊँगा। यह मैसेज एक जूनियर एडवोकेट ने अपनी सीनियर वकील को भेजा। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें चर्चा की क्या बात है? लेकिन इस मैसेज ने सीनियर वकील को गुस्सा दिला दिया। उन्होंने यह मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जैसे ही वकील ने यह मैसेज शेयर किया, उनके खिलाफ आलोचनाएँ शुरू हो गईं। सफाई देने के बाद अब इस पर बहस छिड़ गई है।

हाय सर और मैडम, मैं कल ऑफिस सुबह 11:30 बजे के आसपास आऊँगा क्योंकि अभी रात के 8:30 बजे हैं और मैं अभी ऑफिस से निकल रहा हूँ। गुस्से में सीनियर वकील आयुषी दोषी ने इस बारे में अपनी नाराजगी जताई। सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरे जूनियर एडवोकेट ने मुझे यह मैसेज भेजा है। आजकल के बच्चे अलग ही दुनिया में रहते हैं। थोड़ी देर हो गई तो कल लेट आऊँगा, ऐसा मैसेज भेज रहे हैं। देर हुए समय की भरपाई करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। कैसी बात है ये? मैं तो बोल ही नहीं पा रही हूँ।

यह मैसेज शेयर करने के बाद सीनियर वकील की आलोचना होने लगी। लोग कहने लगे कि आप ज्यादा समय काम करवा रही हैं, तो एक्स्ट्रा पैसा नहीं दे रही हैं। वो कोई गुलाम नहीं हैं, काम के समय में काम, बाकी समय उनका निजी समय। इस समय में काम करवाने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे या फिर उनसे विनती करनी होगी। आप ज्यादा समय ऑफिस में बिताकर काम करती हैं, इसका मतलब यह नहीं कि जूनियर्स को भी ऐसा ही करना चाहिए।

 

 

आलोचना बढ़ने पर आयुषी दोषी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि पूरी बात या पिछली घटना न जानने के कारण कई लोगों ने कमेंट किए हैं। जूनियर एडवोकेट को एक दिन में पूरा होने वाला काम करने के लिए तीन दिन दिए गए थे, फिर भी काम पूरा नहीं हुआ। डेडलाइन आने पर भी, एक्स्ट्रा समय देने पर भी काम पूरा नहीं किया। इसलिए देर हो गई। मैंने लेट काम करने को नहीं कहा। दिए गए काम को समय पर पूरा न करने के कारण वो खुद ही रुके थे। एक्स्ट्रा समय का सवाल ही नहीं है। यहाँ सवाल यह है कि 8 घंटे में पूरा होने वाला काम 24 घंटे में भी पूरा क्यों नहीं हुआ।

अब बहस शुरू हो गई है। अगर दी गई जिम्मेदारी पूरी नहीं हुई तो क्या एक्स्ट्रा काम करना चाहिए या नहीं? समय पर काम पूरा नहीं हुआ, इसलिए देर से ऑफिस से निकलकर कल लेट आऊँगा, कहना गलत है या सही? ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं। इसके पक्ष और विपक्ष में लोग अपनी राय दे रहे हैं। कुछ लोग इसे सही कह रहे हैं तो कुछ गलत।