सार

पाकिस्तान की एक महिला ने दावा किया है कि AI चैटबॉट ने उनके बायोडाटा को 'अविश्वसनीय' मानकर नौकरी के लिए रिजेक्ट कर दिया। इस घटना ने AI के बढ़ते प्रभाव और नौकरियों पर इसके असर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना पर चिंता जताई जा रही है।

हाल ही में AI तकनीक की संभावनाओं पर व्यापक चर्चा हो रही है। कार्यस्थलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर AI तकनीक का खूब जश्न मनाया जा रहा है। खाना बनाने में मदद से लेकर व्यक्तिगत बातें शेयर करने तक, लोग अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अनंत संभावनाओं को अपना रहे हैं। हर समस्या का समाधान AI में ढूंढने का विश्वास हाल ही में काफी बढ़ा है। हालांकि, तकनीक में इस प्रगति से मौजूदा कई नौकरियों के लिए भविष्य में चुनौती पैदा होने की आशंका भी कम नहीं है। इस विषय की गंभीरता को दर्शाती एक घटना हाल ही में सामने आई है। 

नौकरी के लिए दिए गए बायोडाटा और अन्य जानकारी 'विश्वसनीय नहीं' होने के कारण AI चैटबॉट ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया, जिससे उन्हें इंटरव्यू में नौकरी नहीं मिली। यह दावा एक पाकिस्तानी महिला ने किया है। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तकनीक की यह दखलंदाजी इंसान की क्षमताओं और अवसरों के लिए बाधा बन जाएगी? दामिश इरफान नाम की इस महिला ने LinkedIn पर अपना अनुभव शेयर किया। उन्होंने लिखा, "AI डिटेक्टर की वजह से मेरी नौकरी चली गई।" 

उन्होंने आरोप लगाया कि AI डिटेक्टर ने उन्हें 'अविश्वसनीय' श्रेणी में डाल दिया, जिससे उन्हें एक अच्छी नौकरी के इंटरव्यू से बाहर कर दिया गया। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या खराब तकनीक की वजह से हम अपने अवसर खो रहे हैं? उन्होंने लिखा कि यह समय है कि हम ऐसे तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल पर पुनर्विचार करें और नई तकनीक असली रचनाकारों के लिए बाधा न बने। दामिश इरफान की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई लोगों ने उनकी पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। ज्यादातर लोगों ने मानव जीवन में AI के बढ़ते दखल पर चिंता जताई।