सार
भारत में कोरोना की दूसरी लहर का पीक प्वॉइंट 7 मई तक देखा जा सकता है। ये भविष्यवाणी सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम विद्यासागर ने की है। उन्होंने कहा, इस हफ्ते के आखिरी तक कोरोना के केस में गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय में कोरोना की पीक प्वॉइंट दिखेगा।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना की दूसरी लहर का पीक प्वॉइंट 7 मई तक देखा जा सकता है। ये भविष्यवाणी सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम विद्यासागर ने की है। उन्होंने कहा, इस हफ्ते के आखिरी तक कोरोना के केस में गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय में कोरोना की पीक प्वॉइंट दिखेगा।
प्रोफेसर एम विद्यासागर ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में कोरोना की गिरावट अलग-अलग टाइम में देखने को मिलेगी। अभी महाराष्ट्र में कोरोना के केस में गिरावट देखने को मिल रही है। कोरोना की दूसरी लहर महाराष्ट्र से शुरू हुई थी। अब महाराष्ट्र के बाद इससे सटे राज्यों में भी कोरोना के पीक प्वॉइंट के बाद गिरावट दिखेगी।
क्या मई बाद भी कोरोना का पीक प्वॉइंट होगा?
इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि इसकी संभावना कम ही है। इस हफ्ते तक पूरे भारत में औसत कोरोना की पीक प्वॉइंट होगा। पहली और दूसरी लहर की तुलना की जाए तो पहली लहर में कोरोना केस धीरे-धीरे बढ़ रहे थे, जबकि दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे हैं।
दूसरी लहर में कोरोना को अपने पीक प्वॉइंट पहुंचने पर साढ़े तीन महीने लगे। दूसरी लहर में कोरोना के 1 अप्रैल को 75,000 मामले थे और ठीक एक महीने बाद 4 लाख पहुंच गया। हम उम्मीद करते हैं कि केस जितनी तेजी से बढ़े उतनी ही तेजी से कम होंगे। मई के अंत तक देश में हर दिन कोरोना के केस 1.2 लाख होने की उम्मीद है।
क्या कोरोना का केस शून्य भी हो सकता है?
प्रोफेसर ने स्पष्ट किया कि हम शून्य केस नहीं देखेंगे। ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। दूसरी ओर जीव विज्ञान के प्रोफेसर गौतम मेनन ने कहा कि कोरोना का पीक प्वॉइंट मई के दूसरे हफ्ते के बीच आएगा।
डॉक्टर आशीष झा ने सुझाव दिया कि दूसरी लहर का अंत इस बात पर निर्भर करेगा कि हम वायरस को फैलने से रोकने के लिए क्या करते हैं। इसके अलावा वैक्सीनेशन और टेस्टिंग का क्या प्लान है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि मई के महीने में कोरोना की पीक प्वॉइंट होगा।
क्या कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी?
देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। लेकिन तीसरी लहर की भी चिंता है। प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि भले ही दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों ने कोविड -19 का टेस्ट कराया। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हो सकते हैं जो संक्रमित थे, लेकिन उन्होंने टेस्ट नहीं कराया और ठीक हो गए। इसलिए वैक्सीनेशन की सबसे ज्यादा जरूरत है। अगर हम लगभग छह महीनों में ज्यादा संक्रमित इलाकों के बड़े हिस्से का वैक्सीनेशन करते हैं तो तीसरी लहर ज्यादा परेशान नहीं करेगी।
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