सार

जब स्वास्थ्य अधिकारी वैक्सीन लगाने के लिए गांव पहुंचे तो वहां लोग बहुत डर गए। उन्हें लग रहा था कि वैक्सीन लगवाने से मर जाएंगे। डर के मारे वे पेड़ों पर चढ़ गए। महिलाएं बचने के लिए पास की नदी में भाग गईं।

चेन्नई. कोरोना से बचने का वैक्सीन इकलौता हथियार है, लेकिन अभी भी इसे लेकर कई जगहों पर जागरुकता की कमी है। ताजा मामला कोयंबटूर का है। यहां गांवों में लोग वैक्सीन लेने से हिचकिचा रहे हैं। मामला कोयंबटूर के बाहरी इलाके में चादिवयाल के पास सरकार पोराथीपति के आदिवासी गांव का है।

वैक्सीन से बचने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए
जब स्वास्थ्य अधिकारी वैक्सीन लगाने के लिए गांव पहुंचे तो वहां लोग बहुत डर गए। उन्हें लग रहा था कि वैक्सीन लगवाने से मर जाएंगे। डर के मारे वे पेड़ों पर चढ़ गए। महिलाएं बचने के लिए पास की नदी में भाग गईं।

चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कनाग्रानी ने बतायास जैसे ही गांव के लोगों ने हमें देखा वे भाग गए। महिलाएं यह कहते हुए नदी में चली गईं कि उन्हें पानी लाना है। पुरुष खेतों और जंगलों में भाग गए। कुछ पेड़ों पर चढ़ गए। हमने कोशिश की, लेकिन वे वापस नहीं आए।  
 
10 आदिवासियों को ही लग सकी वैक्सीन

डॉक्टर्स की टीम ने कहा कि किसी तरह गांव में कम से कम 10 आदिवासियों को वैक्सीन लगाई जा सकी। 

उत्तर प्रदेश में भी आया था ऐसा मामला 
उत्तर प्रदेश में भी वैक्सीन को लेकर ऐसा ही मामला सामने आया था। बाराबंकी के सिसोदिया गांव में कम से कम 200 ग्रामीणों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव के लोगों को लग रहा था कि वैक्सीन नहीं बल्कि जहरीला इंजेक्शन लगाया जा रहा है।