सार
वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 16 मई, बुधवार को है। बुद्ध के बारे में कहा जाता है कि वे भगवान विष्णु के अवतार थे। उनकी बताई हुई शिक्षा आज भी हमें सही रास्ता दिखाती है।
उज्जैन. वर्तमान में हंसते-मुस्कुराते बुद्ध की प्रतिमाएं घर में रखने का प्रचलन बढ़ गया है, ऐसा गुड लक के लिए किया जाता है। इन्हें लॉफिंग बुद्धा कहा जाता है। फेंगशुई (feng shui tips) में लाफिंग बुद्धा को सुख, संतोष और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। लाफिंग बुद्धा को भाग्य के सात जापानी शिंटो देवताओं में से एक के रूप में भी देखा जाता है। लाफिंग बुद्धा के भी कई रूप हैं। आगे जानिए लॉफिंग बुद्धा की प्रतिमाएं घर से रखने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
1. अगर आपके घर में धन की पोटली लिए लाफिंग बुद्धा कि मूर्ति है तो समझिए आपकी कि्समत चमकने वाली है। ऐसी प्रतिमा परिवार के सभी सदस्यों के लिए खुशी और सौभाग्य का प्रतीक है। लाफिंग बुद्धा की इस मूर्ति अपने लिविंग रूम में रखना शुभ माना जाता है। बुद्ध की ऐसी मूर्ति गोल्डन कलर में होनी चाहिए।
2. अगर आप अपने जीवन में शांति चाहते हैं तो ध्यान की अवस्था में बैठे हुए लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति घर लाएं। ऐसा करने से किसी भी तनाव को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे।
3. अगर आपकी सेहत में गिरावट आ रही है तो वू लू धारण किए लॉफिंग बुद्धा की प्रतिमा अपने बेडरूम में रखें। ऐसा करने से सिर्फ आपकी ही नहीं पूरे परिवार के लोगों को सेहत पर इसका पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा।
4. लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति को घर में रखते समय यह ध्यान रखें कि इसकी ऊंचाई आपकी आंखों के स्तर पर या उससे अधिक हो। धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए, मूर्ति को अपने घर के मुख्य द्वार के पास अवश्य रखें।
5. ड्रैगन कछुए पर बैठे लाफिंग बुद्धा को ताकत का प्रतीक माना जाता है। ऐसी प्रतिमा घर में रखने से आपकी आय में इजाफा हो सकता है और करियर को भी पॉजिटिव लाइन मिल सकती है।
6. लाफिंग बुद्धा एक देवता हैं। इसलिए इनकी प्रतिमा को घर में रखने समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे इनकी प्रतिमाएं बाथरूम या शौचालय के आस-पास न हो। आपको कभी भी बुद्धा की मूर्ति को घर के फर्श पर भी नहीं रखना चाहिए।
ये भी पढ़ें-
Buddha Purnima 2022: घर में बुद्ध की प्रतिमा रखने से बनी रहती है सुख-शांति, जानिए और भी खास बातें
Buddha Purnima 2022 Importance: कब है बुद्ध पूर्णिमा, क्यों खास है ये तिथि, कैसे एक राजकुमार बन गया महात्मा?