सार

आज (14 मई, शनिवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन नृसिंह जयंती (Narasimha Jayanti 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसे नृसिंह चतुर्दशी भी कहते हैं।

उज्जैन. मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप में अवतार लेकर दैत्यों का राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। अनादि काल से ये पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा विशेष रूप से की जाती है। प्रमुख नृसिंह मंदिरों में विशेष आयोजन आदि किए जाते हैं। भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने के लिए अनेक स्तुतियों की रचना की गई है। श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र भी इनमें से एक है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ विधि-विधान से करने पर कर्ज से मुक्ति मिलती है। आगे जानिए कैसे करें इस स्त्रोत का पाठ…

श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र।

देवकार्य सिध्यर्थं सभस्तंभं समुद् भवम ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
लक्ष्म्यालिन्गितं वामांगं, भक्ताम्ना वरदायकं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
अन्त्रांलादरं शंखं, गदाचक्रयुध धरम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
स्मरणात् सर्व पापघ्नं वरदं मनोवाञ्छितं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
सिहंनादेनाहतं, दारिद्र्यं बंद मोचनं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
प्रल्हाद वरदं श्रीशं, धनः कोषः परिपुर्तये ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
क्रूरग्रह पीडा नाशं, कुरुते मंगलं शुभम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
वेदवेदांगं यद्न्येशं, रुद्र ब्रम्हादि वंदितम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
व्याधी दुखं परिहारं, समूल शत्रु निखं दनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
विद्या विजय दायकं, पुत्र पोत्रादि वर्धनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
भुक्ति मुक्ति प्रदायकं, सर्व सिद्धिकर नृणां ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
उर्ग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तम् सर्वतोमुखं ।
नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्य मृत्युं नमाम्यहम॥
य: पठेत् इंद् नित्यं संकट मुक्तये ।
अरुणि विजयी नित्यं, धनं शीघ्रं माप्नुयात् ॥
॥ श्री शंकराचार्य विरचित सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र संपूर्णं ॥

इस विधि से करें पाठ
नृसिंह चतुर्दशी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान नृसिंह की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद विधि-विधान से भगवान नृसिंह की पूजा करें और वहीं कुश के आसन पर बैठकर इस स्त्रोत का पाठ करें। इस दौरान दीपक जलते रहना चाहिए। पाठ पूरा होने के बाद नृसिंह भगवान की आरती करें और प्रार्थना करें कर्ज जल्दी से चुकता हो जाए। इस स्त्रोत की रचना स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने की है। ये स्त्रोत बहुत ही जल्दी शुभ फल देना आरंभ करता है।

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