सार
Vaikuntha Chaturdashi Upay: भगवान शिव और विष्णु हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं। शिव को विनाशक कहा जाता है और विष्णु को पालनकर्ता। इन दोनों देवताओं की पूजा विशेष पर्वों पर की जाती है। वैकुंठ चतुर्दशी पर इन दोनों देवताओं की पूजा संयुक्त रूप से जाती है।
उज्जैन. कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी पर वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi Upay) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 6 नवंबर, रविवार को है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा एक साथ करने का विधान है। इस दिन हरि-हर मिलन की परंपरा भी निभाई जाती है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान शिव, विष्णु जी से मिलने वैकुंठ लोक जाते हैं और उन्हें सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी सौंपते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
उपाय 1
वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान शिव और विष्णु की प्रतिमाओं का चित्रों को एक साफ स्थान पर स्थापित करें और शुद्ध घी का दीपक जलाकर पूजा करें। शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरा और विष्णुजी को तुलसी पत्र आदि चीजें चढ़ाएं। दोनों देवताओं की स्तुति करें। इस तरह पूजा करने से शिवजी और विष्णुजी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
उपाय 2
वैकुंठ चतुर्दशी पर शिवजी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप बारी-बारी से करें। शिवजी के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला और विष्णुजी के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से करें।
शिवजी के मंत्र
- ऊं नम: शिवाय
- ऊं नमो भगवते रुद्राय नमः
- ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
विष्णुजी के मंत्र
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
- ऊं विष्णवे नम:
- ऊं हूं विष्णवे नम:
-ऊं नमो नारायण।
उपाय 3
वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान शिव को भांग मिश्रित दूध का भोग लगाएं और विष्णुजी को गाय के दूध से बनी खीर का। खीर में तुलसी के पत्ते जरूर डालें। इस तरह दोनों देवताओं को उनकी पसंद का भोग लगाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
उपाय 4
विष्णुजी और शिवजी की आराधना अलग-अलग स्तुतियों से करें। जैसे शिव चालीसा और विष्णु चालीसा का पाठ करें। शिव सहस्त्रनाम और विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करें। इनके अलावा भी इन दोनों देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आरतियों की रचना भी गई है। इनके पाठ से भी ये देवता प्रसन्न होते हैं।
उपाय 5
वैकुंठ चतुर्दशी पर शिवजी को चावल चढ़ाएं। शिवपुराण के अनुसार, ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं, वहीं विष्णु जी का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध भरकर करें। इसमें थोड़ी केसर भी मिला लें। इस तरह इन दोनों देवताओं के उपाय करने से आपकी हर कामना पूरी हो सकती है।
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