सार
यूपी विधानसभा चुनाव का प्रचार-प्रसार बंद हो जाएगा। सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग सात मार्च को होनी है। इसके बाद आगामी 10 मार्च को मतगणना होनी है। काउंटिंग से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों के दिल की धड़कने बढ़ने वाली हैं।
सुमित शर्मा
कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है। शनिवार से यूपी विधानसभा चुनाव का प्रचार-प्रसार बंद हो जाएगा। सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग सात मार्च को होनी है। इसके बाद आगामी 10 मार्च को मतगणना होनी है। काउंटिंग से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों के दिल की धड़कने बढ़ने वाली हैं। यदि कानपुर की बात की जाए तो नवीन गल्लामंडी में बने स्ट्रांग रूम के बाहर प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ता दिन-रात पहरेदारी कर रहे हैं।
जिला प्रशासन ने नौबस्ता गल्लामंडी में स्ट्रांग रूम बनाया है। कानपुर की सभी 10 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान की ईवीएम मशीनों को रखा गया है। मतगणना के लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने भी कमर कस ली है। कानपुर की 10 विधानसभा सीटों पर तीसरे चरण के लिए 20 फरवरी को मतदान हुआ था। वोटिंग के बाद सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षाबलों के हवाले ईवीएम की निगरानी की जा रही थी।
स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा
मतगणना की तारीख करीब आ रही है, राजनीतिक पार्टियों के नेता मंदिरों पर माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही स्ट्रांग रूम के बाहर प्रत्याशियों ने ढेरा जमा लिया है। प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ दिन-रात ईवीएम की रखवाली कर रहे हैं। प्रत्याशी और उनके समर्थक एक पल के लिए भी स्ट्रांग रूम को अपनी आंखों के सामने से ओझल नहीं होने दे रहे हैं। वहीं ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। बिल्हौर सीट से एसपी प्रत्याशी अर्चना सिंह बीते दिनों से स्ट्रांग रूम के बाहर ही मौजूद हैं।
सुरक्षा व्यवस्था
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने काउंटिंग के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया है। मतगणना स्थल पर एक हजार से ज्यादा अर्धसैनिक बल, पुलिस कमिश्नर समेत तीन डीसीपी, आठ एसीपी, 30 इंस्पेक्टर, 150 दारोगा, 230 एचसीपी, 520 सिपाही, 50 खूफिया कर्मी और 250 होमगार्डों को तैनात किया गया है। उच्चाधिकारियों के अलावा कोई भी मतगणना स्थल पर नहीं पहुंच सकता है।
यातायात डायवर्ट किया जाएगा
मतगणना स्थल पर अधिकारियों, कर्मचारियों, नेताओं और प्रत्याशियों और मीडिया कर्मियों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही मतगणना के दिन रूटडायवर्ट किया जाएगा। यातायात व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए डीसीपी संकल्प शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।