सार

इलाहाबाद की सांसद डाक्‍टर रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक के सपा में शामिल होने के बाद सांसद ने अपनी निष्‍ठा भाजपा के साथ जताई है। बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगी। बोलीं कि मैं भाजपा में थी, भाजपा में ही रहूंगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले इलाहाबाद की सांसद डाक्‍टर रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक के सपा में शामिल होने के बाद सांसद ने अपनी निष्‍ठा भाजपा के साथ जताई है। बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगी। बोलीं कि मैं भाजपा में थी, भाजपा में ही रहूंगी।

तमाम कयासों के बाद इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र की भाजपा सांसद डाक्‍टर रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस बात की घोषणा सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में चुनावी सभा के दौरान शनिवार को की। मंच पर उस समय मयंक जोशी भी मौजूद थे। इससे संगम नगरी में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।

इसे लेकर डाक्‍टर रीता बहुगुणा जोशी से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्‍होंने कहा कि अभी वह संसदीय राजभाषा समिति के दौरे के तहत त्रिपुरा में हैं। बेटे के सपा में जाने की जानकारी टीवी चैनलों से उन्‍हें भी हुई है। वह इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं करेंगी। बोलीं कि जहां तक मेरा व्‍यक्तिगत प्रश्‍न है मैं भाजपा में थी और भाजपा में ही रहूंगी।

रीता जोशी ने बेटे के लिए मांगा था टिकट
बता दें कि भाजपा सांसद डाक्‍टर रीता जोशी ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अपने पुत्र मयंक के लिए पार्टी से टिकट की मांग की थी। वह चाहती थीं कि लखनऊ की कैंट सीट से टिकट मयंक को दिया जाए, क्‍योंकि वह लंबे समय से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। यहां तक कि उन्‍होंने अपने संसदीय सीट से त्‍यागपत्र की भी पेशकश की थी। एक अन्‍य कार्यक्रम में सांसद ने पहले ही कहा था कि वह 2024 के बाद सक्रिय राजनीति से हट जाएंगी।

27 फरवरी के बाद सांसद ने बेटे से मिलने की कही थी बात
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण के ठीक एक दिन पूर्व सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने मयंक जोशी से मुलाकात की तस्‍वीर ट्वीट की थी। लिखा था कि यह शिष्‍टाचार भेंट है। उसी समय राजनीतिक गलियारे में माना जा रहा था कि मयंक जोशी ने सपा का दामन थाम लिया है। इस पर भाजपा सांसद डाक्‍टर जोशी ने भी कहा था कि यह शिष्‍टाचार भेंट के सिवा कुछ नहीं है। 27 फरवरी के बाद वह प्रयागराज से लखनऊ जाएंगी और बेटे से बात कर प्रकरण को समझेंगी। सांसद ने यह भी कहा था कि मयंक को भाजपा से टिकट न मिलने पर सपा ने अंतिम समय तक कैंट सीट का टिकट सुरक्षित रखा था और टिकट देने का प्रस्‍ताव दिया था। हालांकि उनके कहने पर मयंक ने सपा से टिकट लेने से मना कर दिया था।

यूपी चुनाव: CM योगी ने अखिलेश यादव पर कसा तंज, कहा- सिर्फ कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाने में था सपा का ध्यान