सार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाराणसी की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने प्रचार प्रसार को तेज कर दिया है। जिसके बाद से विपक्षी दलों ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है।

अनुज तिवारी

वाराणसी: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) द्वारा महानगर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में दिन भर भारी गहमागहमी रही। तीनों प्रत्याशियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में सघन जनसंपर्क किया। दक्षिणी के प्रत्याशी नीलकंठ तिवारी मोहल्लों में व्यापक जनसंपर्क कर जनता से भाजपा को वोट देने की अपील की। जनसंपर्क के दौरान भाजपा कार्यकर्ता अपने एजेंडे को जनता के बीच में रख रहे हैं। इस विधानसभा में भाजपा की कड़ी टक्कर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से है। सपा इस विधानसभा क्षेत्र से कामेश्वर दीक्षित को कड़ी टक्कर दे रहें हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा राम मंदिर आंदोलन से जीत दर्ज कर रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव कपूर की पत्नी मुदिता कपूर को पार्टी ने शहर दक्षिणी से प्रत्याशी बनाया है। गौरव कपूर वर्ष 2011 में कांग्रेस पार्टी से जुड़े। वर्तमान में वह कांग्रेस रिसर्च टीम के चेयरमैन हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सबसे करीबी हैं। मुदिता कपूर पेशे से आर्किटेक्ट हैं। वह समाजसेवा में रुचि रखती हैं। 

भाजपा ने 8 बार तो वहीं सपा ने 4 बार की जीत दर्ज
उत्तरी के प्रत्याशी रविंद्र जायसवाल ने सारनाथ पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ व्यापक जनसंपर्क कर रहे हैं। जनसंपर्क के दौरान पदाधिकारियों द्वारा केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से संबंधित पत्र एवं पुस्तिका का भी वितरण कर रहें हैं। भाजपा ने 8 बार इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की है। सपा ने भी इस सीट पर 4 बार अपनी जीत दर्ज की है। इस विधान सभा क्षेत्र में जिले के सभी अधिकारियों के दफ्तर भी हैं। इस विधानसभा सीट पर सपा ने अशफाक अहमद डब्लू को प्रत्याशी के रुप में उतारा हैं। वहीं कांग्रेस ने सफीउर्रहमान अंसारी शहर उत्तरी से तीन बार के विधायक थे। इनकी पत्नी गुलराना तबस्सुम को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान में इसी वार्ड से वह पार्षद भी हैं।

90 के दशक से है इस परिवार का कब्ज़ा     
कैंट प्रत्याशी सौरभ श्रीवास्तव कैंट विधानसभा में रोज सुबह एक एक वार्ड में जनसंपर्क के लिए निकल रहे हैं। इस विधानसभा को भाजपा के मजबूत गढ़ के रूप में माना जाता हैं। कैंट विधान सभा क्षेत्र पर 90 के दशक से एक परिवार का कब्ज़ा रहा है। 1967 के चुनाव में अस्तित्व में आयी इस सीट पर भारतीय जनसंघ के वारमेश्वर पांडेय ने चुनाव जीता। वर्तमान समय में सपा से एमएलसी शतरुद्र प्रताप सिंह ने इस सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीता। वहीं साल 1991 से भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अपना मज़बूत कब्ज़ा जमा लिया। सपा ने इस विधानसभा सीट से महिला प्रत्याशी पूजा यादव को मैदान में उतारा गया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद राजेश मिश्र की सीट को बदल दिया है। इस बार राजेश मिश्र कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले राजेश मिश्र शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते थे। राजेश मिश्र ने कैंट विधानसभा सीट से यूपी चुनाव लड़ने की मांग की थी। राजेश मिश्रा कांग्रेस परिवार के करीबी भी माने जाते हैं। 

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