सार
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा में हनुमान जन्मोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। राज्य में अलग-अलग तरह से भक्त इस दिन को अपने-अपने श्रद्धानुसार हनुमान जन्मोत्सव मना रहे हैं। खास बात यह है कि इस दिन शनिवार है और विशेष संयोग बन रहा है। जिससे हनुमान जन्मोत्सव की महत्ता को और भी बढ़ा दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रुद्र से माता अंजना की गर्भ से हनुमान के रूप में जन्म लिया। इसी को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 16 अप्रैल को पूरे राज्य में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस दिन शनिवार है और विशेष संयोग बन रहा है। जिससे हनुमान जन्मोत्सव की महत्ता को और भी बढ़ा दिया है। मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान को समर्पित है इसी वजह से हनुमान जन्मोत्सव का शनिवार के दिन पड़ना बेहद खास है। उत्तर प्रदेश के हनुमान मंदिरों में भक्त अपने-अपने श्रद्धानुसार हनुमान जन्मोत्सव मना रहे हैं।
राजधानी में हनुमान सेतु पर थी विशेष आरती
संकटमोचन मंदिर सहित सभी हनुमान मंदिरों में भक्तों की कतार हैं। दर्शन-पूजन के साथ ही हनुमान चालीस का पाठ भी हो रहा है। वहीं कई जगहों पर प्रभार फेरी और पताका यात्रा भी निकाली गई है। राजधानी समेत जिले भर में बड़े ही धूमधाम से हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा हो गई है। लोग अपनी अपनी श्रृद्धा से पवनपुत्र हनुमान का पूजन-अर्चन कर रहे हैं। कहीं पदयात्रा निकाली जा रही है तो कहीं सुंदरकाण्ड और रामायण का पाठ किया जा रहा है। लखनऊ में हनुमान सेतु मंदिर में दोपहर 12 बजे विशेष आरती का भी आयोजन किया गया था।
संगम नगरी में बड़े हनुमान में भी लोगों की लंबी लाइन लगी
तो वहीं संगम नगरी में भी बड़े हनुमान मंदिर में पूजा की। मंदिर में सुबह से ही दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा है। तो वहीं वाराणसी में हनुमान जन्मोत्सव शनिवार को सुबह की धूमधाम से मनाया जा रहा है। संकटमोचन मंदिर सहित सभी हनुमान मंदिरों में भक्तों की कतार हैं। दर्शन-पूजन के साथ ही हनुमान चालीस का पाठ भी हो रहा है। वहीं कई जगहों पर प्रभार फेरी और पताका यात्रा भी निकाली गई है।
ताज नगरी का मुगल प्राचीन मंदिर
आगरा में शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आगरा में लंगड़े की चौकी का यह प्राचीन मंदिर मुगल कालीन है। यहां हनुमान के दिव्य विग्रह संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान हैं। उनके दर्शन मात्र से असीमित श्रद्धा भाव पैदा होता है। साथ ही मंदिर में सभी देवाताओं की मूर्तियां है। मध्य में प्राचीन शिवलिंग है उनके साथ दरबार है। इसके अलावा राम दरबार, दुर्गा देवी, गणपति, हनुमान के मंदिर भी है।