सार

उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने आयोग में कमियों को दूर करते हुए जवाब तो दाखिल कर दिया लेकिन बिजली दरों को बढ़ाने के लिए कोई टैरिफ नहीं सौपा है। इस टैरिफ प्रस्ताव को बढ़ाने के लिए कंपनियां राज्य सरकार को हरी झंडी दिखाने का इंतजार कर रही है। 

लखनऊ: मंहगाई के चलते अब बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी का इंतजार है। यूपी में बिजली कंपनियां जून से बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं। लेकिन अभी भी राज्य सरकार के रुख का इंतजार कर रही हैं। शायद इसी वजह से बिजली कंपनियों ने अभी भी विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं सौंपा है। यहां तक की राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों  से बिजली की दर बढ़ाने के मामले में प्रस्तवा मांग भी चुका है।

राज्य विद्युत नियामक आयोग के मांगने के बावजूद बिजली कंपनियों ने टैरिफ प्रस्ताव आयोग को नहीं सौंपा है। साथ ही बिजली कंपनियों ने करीब 85,500 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव की तमाम कमियों पर सोमवार को आयोग में जवाब दाखिल कर दिया है। इसके अलावा कंपनियां अगले साल तक सभी बिजली कार्मिकों के घर मीटर लगाने की भी तैयारी कर ली है। 

आयोग में कमियों को दूर करने का जवाब किया दाखिल
मंहगाई की मार को देखते हुए राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेशवासियों को अभी बिजली की दरें बढ़ने का ज्यादा बोझ न उठाना पड़े। साथ ही सरकार को किसानों की सिंचाई की बिजली पूरी तरह से मुफ्त करने का वादा भी निभाना है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद कंपनियां बिजली की दरों से संबंधित प्रस्ताव अलग से आयोग में दाखिल करेंगी। दरअसल बिजली कंपनियों ने आठ मार्च को जो एआरआर आयोग में दाखिल किया था उसमें तमाम कमियां थी। 

इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए आयोग ने पिछले दिनों 6700 करोड़ रुपये के गैप की भरपाई के लिए बिना सब्सिडी सभी श्रेणियों के लिए स्लैबवार टैरिफ प्रस्ताव भी दाखिल करने के लिए कंपनियों से कहा था। सोमवार के अंतिम दिन कंपनियों ने आयोग में कमियों को दूर करते हुए जवाब तो दाखिल कर लिया लेकिन बिजली दर का प्रस्ताव व रिटेल टैरिफ नहीं सौंपा। इससे साफ जाहिर है कि टैरिफ प्रस्ताव पर कंपनियों को राज्य सरकार के रुख का इंतजार है।  

उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन से किया जवाब तलब
कंपनियों द्वारा टैरिफ प्रस्ताव न दाखिल होने पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने आयोगा के चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने लोक महत्व का प्रस्ताव सौंपते हुए मांग की कि विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकलने वाले 20,596 करोड़ रुपए के एवज में बिजली दरों में कमी की जाए। परिषद अध्यक्ष ने आगे कहा कि कानून बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव कंपनियों को ही दाखिल करना चाहिए था। बिजली दरों को घटाने के संबंध में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से जवाब-तलब किया गया है लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। 

मेरठ स्टेशन में देर रात ट्रेन के नीचे आया क्राइम ब्रांच दरोगा, आत्महत्या या हादसा के बीच उलझी है गुत्थी

सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, यौन शोषण के आरोपी डीएसपी नवनीत कुमार को पुलिस सेवा से किया बर्खास्त

बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा, तीन लोगों की हुई मौके पर मौत