सार
hindi.asianetnews.com ने डॉ. कफील से बात करके उनसे यह जानने की कोशिश की कि आरोप लगने के बाद 2 साल किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।
लखनऊ (Uttar Pradesh). बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2 साल पहले ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 बच्चों की मौत में आरोपी बनाए गए बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान को क्लीन चिट मिल गई है। बता दें, घटना के बाद डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था। उनपर अपना कर्तव्य नहीं निभाने के आरोप लगे थे। इन्हीं आरोपों में इन्हें 9 महीने जेल में भी रहना पड़ा था। hindi.asianetnews.com ने डॉ. कफील से बात करके उनसे यह जानने की कोशिश की कि आरोप लगने के बाद 2 साल किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।
इतनी मुसीबत का किया सामना, कल्पना नहीं कर सकता कोई
डॉ. कफील ने बताया, बच्चों की मौत का आरोप लगने के बाद मेरे लिए समय बहुत मुश्किल से गुजर रहा था। 22 अगस्त को मुझे दोषी बताकर निलंबित कर मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस मुझे गिरफ्तार करने के लिए तलाश कर रही थी। जिसके बाद 2 सितंबर को मैंने सरेंडर किया। पुलिस ने बिना मेरा पक्ष जाने मुझे जेल भेज दिया। इन 10 दिनों में पुलिस ने बहुत टॉर्चर किया। मेरी फैमिली व रिश्तेदारों के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया। आधी रात पुलिस घर की तलाशी लेने पहुंच जाती थी। बड़े भाई, भाभी, मां, पत्नी सभी को बहुत टॉर्चर किया गया। पुलिस के इस रवैये से मेरे बड़े भाई का व्यवसाय भी पूरी तरह चौपट हो गया। हम लोगों को इतनी अधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ा, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।
फेसबुक के जरिए मिली मदद
पुलिस की प्रताड़ना से मेरे भाइयों का बिजनेस बंद हो गया था। मेरी नौकरी पहले ही चली गयी थी। मेरे पास केस लड़ने के पैसे नहीं थे। उस मुश्किल दौर में मेरे कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों ने मदद की। बड़े भाई अदील अहमद खान ने तीन घर बेच दिए। बहनोई ने अपना नोएडा का घर बेच दिया। आईएमए के डॉक्टर साथियों ने काफी मदद की। बड़े भाई अदील खान ने फेसबुक पर अपनी समस्याओं को लेकर एक पोस्ट डाली थी। जिसके बाद देश के कोने-कोने से लोग हमारी मदद के लिए आगे आने लगे। हमने इसके लिए क्राउड फंडिंग कराई। जिसमें बंग्लोर की एक संस्था ने हमारी मदद की। संस्था के खाते में हमारी मदद के लिए लोगों ने करीब 22 लाख रुपए जमा कराया, जिससे हमे इस लड़ाई को लड़ने में मदद मिली। इन सबकी मदद और दुवाओं से आज मैं इस मुकाम पर हूं, जहां मुझे न्याय मिला।
क्या है पूरा मामला
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में 7 से 12 अगस्त के बीच 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ये मौतें हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने की वजह से हुई। मामला सामने आने के बाद बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को 12 अगस्त को सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने कहा था, मैंने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए सस्पेंशन से पहले ही इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद 13 अगस्त को योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हर मुमकिन कदम उठाया जाएगा। इसी दिन हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को उनके पद से हटा दिया गया। मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल राजीव मिश्र, उनकी पत्नी और इंसेफलाइटिस वार्ड के इंचार्ज डॉ. कफील खान समेत 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।