सार

यूपी के एटा में 75 साल बाद दिवाली के दिन लोगों के घरों में रोशनी होगी और वह भी मोमबत्ती, दीपकों के अलावा घरों में झालरें लगा सकेंगे। इस वजह से हर एक ग्रामीण का सदस्य खुशी की वजह से चेहरा खिल उठा। 

आशीष पाण्डेय
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां आजादी के बाद से बिजली का कोई सुराग नहीं था। रोजाना के दिनों में भी लोग लालटेन और मोमबत्ती की रोशनी से ही काम चलाते हैं। तो वहीं हर बार की दिवाली बिना रोशनी के सिर्फ दीपक और मोमबत्ती जलाकर ही मनाते थे। घरों में बिजली की झालरों को लगाने की चाहत होने के बाद भी यह पूरा नहीं हो रहा था लेकिन अब विद्युीतकरण होने के बाद ग्रामीणों की यह पहली दीपावली होगी जो बिजली की रोशनी में मनाई जाएगी।

त्योहारों में हर जगह अंधेरा देखकर लोग हो जाते थे निराश 
जानकारी के अनुसार शहर के अलीगंज तहसील क्षेत्र के गांव नगला तुलई में आजादी के बाद से विद्युतीकरण नहीं किया गया। यह कस्बा राजा का रामपुर से सिर्फ 600 मीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत पहरा का गांव नगला तुलई है। इस गांव की आबादी करीब 500 ही है और कुल 40 घर बने हुए है। पिछले साल तक यहां आजादी के बाद से कोई बिजली का सुराग नहीं था। त्योहारों में लोग हर जगह अंधेरा देखकर काफी निराश हो जाते थे। वहीं दिवाली में भी ग्रामीण घर के साथ-साथ गांव में चारों ओर चकाचौंध देखकर मायुस होते। इस गांव की समस्या सामने आने के बाद यहां विद्युतीकरण कराया गया और पूरे गांव में खंभे लगाकर तार डलवा दिए गए हैं। 

विधायक ने अपनी निधि से लाखों रुपए लगाकर करवाया विद्युतीकरण
नगला तुलई गांव में यह कनेक्शन बिजली विभाग की तरफ से किया गया है। जिसके बाद घर में बिजली के लिए लोगों ने आवेदन भी कर दिया है। एसडीओ सोनू कुमार का कहना है कि विद्युतीकरण का काम कर लिया गया है और इस बार की दीपावली बिजली की रोशनी के साथ ग्रामीण मनाएंगे। दरअसल अलीगंज विधायक सत्यपाल सिंह राठौर ने अपनी निधि से बिजली विभाग को 9 लाख 33 हजार की रकम देकर गांव में विद्युतीकरण का काम करवाया है। उनका कहना है कि किसी और इलाके में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है तो वहां पर भी जल्द ही काम कराया जाएगा।

प्रशासन के द्वारा जेनरेटर लगवाकर दीपोत्सव पर लगाई थी 30 लाइटें
आपको बता दें कि पिछले साल भी गांव में बिजली नहीं होने का मुद्दा उठा था, जिसके बाद शासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने गांव में दो जेनरेटर लगवाए थे। ग्रामीणों के द्वारा दिवाली में बिजली नहीं होने पर काफी रोष था तो प्रशासन ने जेनरेटर के जरिए 30 लाइटें लगवाकर दीपोत्सव पर तीन दिन रोशनी की गई और उसके बाद जेनरेटर हटवा दिया गया। फिलहाल गांव में हमेशा के लिए बिजली आ जाने के बाद से लोग काफी खुश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। मोबाइल को चार्ज करने के लिए दूसरे गांव में नहीं जाना पड़ेगा। 

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