सार
मजदूरों का कहना था कि वह तीन दिन से पैदल चलकर यहां तक आए हैं। एसडीएम एकता सिंह का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को समझाया जा रहा है। उनके जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। कोरोना वायरस को रोकने के उद्देश्य से इन्हें बॉर्डर पर रोका गया है।
फिरोजाबाद (Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस को लेकर 17 मई तक लॉकडाउन है। सरकार गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को ट्रेन से उन्हें उनके घर ला रही है। लेकिन, तमाम मजदूर ऐसे भी हैं, जिन्हें यह सहायता नहीं मिल सकी है। जिसके कारण वह पैदल ही अपने सफर पर निकल पड़े हैं। ऐसे ही कई मजदूर जयपुर से पैदल व अन्य वाहनों से बिहार के लिए निकल पड़े थे। जिन्हें फिरोजाबाद जिले की टूंडला तहसील में पड़ने वाली सीमा पर पुलिस प्रशासन ने रोक दिया गया। जिसे लेकर मजदूर हंगामा करने लगे। सड़क पर बैठकर शासन व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हुआ। हालांकि इन्हें भेजा जा रहा है।
बसों से किए गए रवाना
मजदूरों ने बताया कि वह राजस्थान में काम कर रहे थे। वहां फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद वह अपने घर बिहार जा रहे हैं। यहां प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। प्रवासी मजदूरों को गंतव्यों के लिए रवाना करने के लिए तीन बसों की व्यवस्था की गई, जबकि अन्य बसों की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया। तीन बसों में मजदूरों को बैठाकर रवाना किया गया।
प्रशासन कर रहा और बसों का इंतजाम
मजदूरों का कहना था कि वह तीन दिन से पैदल चलकर यहां तक आए हैं। एसडीएम एकता सिंह का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को समझाया जा रहा है। उनके जाने की व्यवस्था भी की जा रही है। कोरोना वायरस को रोकने के उद्देश्य से इन्हें बॉर्डर पर रोका गया है।