सार
आर्म्स एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को अंतरिम राहत दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि वह अगले आदेश तक अब्बास के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते की अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी के आर्म्स एक्ट मामले में गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह आगामी आदेश तक अब्बास के खिलाफ कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई न करे। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। बीते 14 जुलाई को निचली अदालत ने एनबीडब्ल्यू जारी किया था।
2012 में शस्त्र लाइसेंस लखनऊ से दिल्ली हुआ था ट्रांसफर
मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में कोर्ट में राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बहस किया। उन्होंने कहा कि अब्बास राष्ट्रीय राइफल संघ के सदस्य हैं और उनके पास लाइसेंस है। उसके बाद भी यूपी में अपराधिक मुकदमे दर्ज कर लिया गया है। अंसारी पर आरोप है कि वर्ष 2012 में लखनऊ से जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस को बगैर सूचना दिए ही उन्होंने अपने दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करा दिया था।
कोर्ट ने अब्बास अंसारी को किया था भगोड़ा घोषित
इसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट में लगातार गैर हाजिरी के कारण सांसद-विधायकों की विशेष कोर्ट ने अब्बास अंसारी की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। सांसद-विधायक कोर्ट के न्यायाधीश अंबरीश श्रीवास्तव ने सीआरपीसी की धारा 83 के तहत लखनऊ की महानगर पुलिस की अर्जी का संज्ञान लेते हुए कुर्की आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया।
विवादित बयान मामले में 5 दिन पहले मिली थी राहत
आपको बता दें कि यूपी विधानसभा के दौरान मऊ में प्रचार के समय विवादित बयान के मामले में अब्बास अंसार के खिलाफ मुकदमा दर्ज था। इतना ही नहीं इस मामले में अब्बास अंसारी के खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था। बीते 14 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव के दौरान विवादिति बयानबाजी करने के मामले में 22 नवंबर तक के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट और मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने पर भी स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद मुकदमे का ट्रायल नहीं शुरू हो सकेगा और अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।