सार
एक ओर जहां 2 बार डेथ वारंट जारी होने के बावजूद निर्भया के दोषी हर बार कानून पेंच फंसाकर बच जा रहे हैं। वहीं, यूपी के बलिया में निर्भया के बाबा से बदसलूकी का मामला सामने आया है। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने निर्भया के बाबा से कहा, कौन है निर्भया? जब वो डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी तो दिल्ली क्यों गई?
बलिया (Uttar Pradesh). एक ओर जहां 2 बार डेथ वारंट जारी होने के बावजूद निर्भया के दोषी हर बार कानून पेंच फंसाकर बच जा रहे हैं। वहीं, यूपी के बलिया में निर्भया के बाबा से बदसलूकी का मामला सामने आया है। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने निर्भया के बाबा से कहा, कौन है निर्भया? जब वो डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी तो दिल्ली क्यों गई?
क्या है पूरा मामला
बलिया में निर्भया का पैतृक गांव है, जहां आज भी उसके बाबा और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने गांव में निर्भया के नाम पर अस्पताल बनवाया है। लेकिन अस्पातल में कोई सरकारी डॉक्टर नहीं होने की वजह से निर्भया के परिजन धरने पर बैठे थे। इसकी सूचना मिलते ही सीएमओ डॉ प्रीतम कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे।
जब गांव में कोई डॉक्टर नहीं तो अस्पताल क्यों खुलवाया
आरोप है कि सीएमओ ने कहा, आज तक निर्भया के गांव में कोई डॉक्टरी तो पढ़ा नहीं और इन्हें डॉक्टर चाहिए। पहले गांव में कोई डॉक्टरी पढ़े और फिर इसी अस्प्ताल में डॉक्टर बन जाए। जब गांव से कोई डॉक्टर नहीं है तो यहां अस्पताल क्यों खुलवाया? हम कहां से लाएं डॉक्टर। जितने पद हैं, उतने डॉक्टर ही पैदा नहीं होते। अस्पताल जिसने बनवाया उससे मांगो डॉक्टर।
निर्भया का सपना था कि गांव में खोले अस्पताल
निर्भया के बाबा ने कहा, सपा सरकार ने गांव में ये अस्पताल बनवाया था, ताकि निर्भया का सपना पूरा हो सके। बेटी का सपना था कि वो डॉक्टरी पढ़कर गांव में अस्पताल खोले। जहां गांव वालों का इलाज हो सके। अस्पताल तो जैसे तैसे खुल गया लेकिन आज तक डॉक्टर और नर्स की तैनाती नहीं हुई। जिसके बाद हम धरने पर बैठे थे। सीएमओ साहब ने सारी हदों पार कर दी। निर्भया तक को नहीं छोड़ा। हालांकि, बाद में वो आश्वासन देकर चले गए।