सार

कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज जो कि कम गंभीर हैं उनके लिए राहत भरी खबर है , उन्हें अब अस्पताल में 21 दिन तक रहने से निजात मिलेगी। ये उन मरीजों के लिए है जिन्हें हल्की खांसी, जुकाम व बुखार आदि रहा हो

लखनऊ(Uttar Pradesh). कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज जो कि कम गंभीर हैं उनके लिए राहत भरी खबर है , उन्हें अब अस्पताल में 21 दिन तक रहने से निजात मिलेगी। ये उन मरीजों के लिए है जिन्हें हल्की खांसी, जुकाम व बुखार आदि रहा हो। नई डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ऐसे कम गंभीर रोगियों के अंदर अगर दस दिनों तक कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया जाता और तीन दिनों तक बुखार नहीं आया है तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। 13 दिन अस्पताल में रहने वाले ये मरीज आगे सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहेगा, जिसे आइसोलेशन के सख्त नियमों का घर पर पालन करना होगा।

गौरतलब है कि अभी तक कोरोना मरीजों की डिस्चार्ज पालिसी के तहत उन्हें रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 21 दिनों तक अस्पताल में ही रहना होता था।अब नई पालिसी के तहत उन्हें 13 दिन बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा। ऐसे मरीजों की बार-बार रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट भी करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूपी के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से सभी कोविड-19 अस्पतालों को यह निर्देश भेज दिए गए हैं। 

मध्यम श्रेणी इन्फेक्शन वाले मरीजों को राहत 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार ही ऐसे रोगी जिन्हें भर्ती करते समय सांस लेने में दिक्कत थी, यानी वह मध्यम श्रेणी में आते हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ऐसे रोगियों में अगर दस दिनों तक कोई लक्षण नहीं दिखते और बीते तीन दिनों से बुखार नहीं है तथा पिछले चार दिनों से वह बिना आक्सीजन सपोर्ट के अस्पताल में हो तो उसे भी छुट्टी मिल जाएगी। 

डिस्चार्ज के बाद सेल्फ आइसोलेशन का करना होगा पालन 
कोरोना वायरस से पीड़ित मध्यम श्रेणी के रोगियों को अस्पताल से छुट्टी देते समय आरटी-पीसीआर जांच की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें सात दिनों तक होम आइसोलेशन में ही रहना होगा। यानी घर में एकदम अलग कमरे में पूरी सर्तकता के साथ ही रहेंगे। बाकी गंभीर रोगियों को डिस्चार्ज उनकी रिकवरी पर निर्भर करेगी। इन्हें जब भी डिस्चार्ज किया जाएगा तब कोरोना का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच करवाई जाएगी।