सार
श्री मसूद के पास अपने क्षेत्र में समर्थकों का एक बड़ा समूह है। विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय में उनकी लोकप्रियता काफी है जिनकी यहां आबादी 42 प्रतिशत है।
नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) के ऐलान के साथ ही राजनीतिक चेहरों का दल बदल शुरू हो चुका है। पश्चिमी यूपी (West UP) में कांग्रेस (COngress) के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद (Imran Masood) जाहिर तौर पर अपना खेमा बदल रहे हैं। श्री मसूद ने स्वीकार किया कि उन्होंने सोमवार को अपने समर्थकों की एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई है। लेकिन उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता उनसे चर्चा के बाद ही तय किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच है।
2007 में निर्दलीय विधायक बने थे मसूद
इमरान मसूद ने 2007 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में जीता था। लेकिन 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और हार गए। 2013 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। हालांकि, अगले साल ही वह कांग्रेस में वापस आ गए। कांग्रेस की टिकट पर वह सहारनपुर से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन वह दोनों चुनाव हार गए।
क्षेत्र में मजबूत पकड़ वाले नेता माने जाते हैं इमरान मसूद
श्री मसूद के पास अपने क्षेत्र में समर्थकों का एक बड़ा समूह है। विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय में उनकी लोकप्रियता काफी है जिनकी यहां आबादी 42 प्रतिशत है।
हेट स्पीच की वजह से हुए थे अरेस्ट
2014 में इमरान मसूद को एक चुनाव अभियान के दौरान कथित रूप से नफरत भरे भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर नरेंद्र मोदी को टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दी थी। हालांकि, उन्होंने यह साफ तौर पर कहा था कि उन्होंने कभी भी मोदी को जान से मारने की धमकी नहीं दी थी, उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि भाषण में उन्होंने मोदी को सबक सीखाने की बात कहने की बात स्वीकार की थी।
पांच बार सांसद रहे रशीद मसूद के भतीजा हैं इमरान मसूद
इमरान मसूद सहारनपुर से पांच बार के कांग्रेस लोकसभा सांसद राशिद मसूद के भतीजे हैं, जिनकी 2020 में मृत्यु हो गई थी। राशिद मसूद को कांग्रेस ने चार बार राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया था।
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