सार
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में सोमवार 18 जुलाई को सुनवाई होनी है। इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। आज की बहस के बाद फैसला होगा कि यह केस सुनने योग्य है अथवा नहीं।
वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण सुनवाई के योग्य है या नहीं इसको लेकर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले में बीत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के द्वारा चारों महिला वादियों की ओर से बहस को पूरा कर लिया गया था। इसके बाद अब वादी राखी सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता दलील पेश करेंगे।
एक अन्य मामले पर भी होगी सुनवाई
इस मामले में मस्जिद पक्ष की ओर से भी बहस को पूरा किया जा चुका है। वहीं इस बीच सोमवार को ही सीनियर डिवीजन सिविल जज की अदालत में ज्ञानवापी मामले से संबंधित एक अन्य प्रकरण पर भी सुनवाई होगी। दरअसल विश्व हिंदू महासमिति व अभिषेक शर्मा के द्वारा अदालत में एक प्रार्थनापत्र दिया गया है। इस प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि आराजी संख्या 9130 पर आदि विश्वेश्वर, श्रृंगार गौर समेत अन्य देवी-देवता विराजमान हैं। अदालत को दिए गए प्रार्थनापत्र में इनकी पूजा-पाठ को लेकर मांग की गई है। इसी के साथ आदि विशेश्वर के आठों मंडपों को सुरक्षित रखते हुए हिंदू धर्म में आस्था ने रखने वाले लोगों के प्रवेश पर बैन की भी मांग है।
अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने लगाए कई आरोप
मामले को लेकर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान वकील हरिशंकर जैन ने यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए। इसी के साथ उनके द्वारा कहा गया कि जिस विवादित भूखंड आराजी संख्या 9130 को वक्फ की संपत्ति बताया जा रहा है वास्तव में उसको लेकर कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है। इस बीच वक्फ बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त दस्तावेजों को भी अदालत के सामने रखा गया। यह भी कहा गया कि जिस संपत्ति को वक्फ संख्या 100 में दर्ज बताया जा रहा है उसका कोई भी दस्तावेज नहीं है। वक्फ रजिस्ट्रेशन नंबर भी कहीं पर दिख नहीं रहा है। यहां तक संपत्ति वक्फ में कब की गई इसको लेकर तिथि तक दर्ज नहीं है गजट नोटिफिकेशन नंबर भी नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए आज सोमवार 18 जुलाई की तिथि नियत है। इस दौरान फैसला होगा कि यह मामले सुनने योग्य है या नहीं।
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