सार
उत्तर प्रदेश के जिले आजमगढ़ के बाद बलिया जिले में यह कहा जा सकता है कि यह जिला समाजवादी पार्टी का पुराना गढ़ है। क्योंकि समाजवादी पार्टी की जाने यहां काफी पहले से मजबूत और पुरानी है। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक राम मनोहर लोहिया भी इस जिले से वास्ता रखते थे।
रवि प्रकाश सिंह
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के जिले आजमगढ़ के बाद बलिया जिले में यह कहा जा सकता है कि यह जिला समाजवादी पार्टी का पुराना गढ़ है। क्योंकि समाजवादी पार्टी की जाने यहां काफी पहले से मजबूत और पुरानी है। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक राम मनोहर लोहिया भी इस जिले से वास्ता रखते थे। लेकिन इन सबके बाद भी बलिया जिले में खास करके रसड़ा विधानसभा सीट पर आज तक कभी समाजवादी पार्टी ने अपनी जीत नहीं दर्ज की। इस विधानसभा से पहले के चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की या फिर बहुजन समाज पार्टी ने।
अब 2022 का विधानसभा चुनाव है लेकिन क्या इस बार समाजवादी पार्टी यहां अपना खाता खोल पाएगी, यह कहना भी जरा मुश्किल है। साल 2007 तक इस विधानसभा की सीट सुरक्षित रही है। बीते चुनाव की अगर बात करें तो 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में रसड़ा विधानसभा सीट से उमाशंकर सिंह विधायक रहे हैं। वहीं 2002 और 2007 में भीम बहुजन समाज पार्टी के घुराराम इस सीट से विधायक रहे। उसके पहले साल 1996 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अपना कब्जा जताया था। जबकि 1991 और 93 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का ही इस सीट पर कब्जा रहा।
2022 चुनाव में सभी पार्टियां दिखा रही अपना दमखम
आजादी के बाद अगर बात करें तो 1951, 1957 ,1967, 1969 में इस विधानसभा की सीट कांग्रेस के खाते में रही। 1974 में पहली बार कम्युनिस्ट पार्टी के रघुनाथ यहां से विधायक बने जबकि 1977 में यह सीट जेएनपी के खाते में रही लेकिन 1980 ,1985 और 1989 के विधानसभा चुनाव में दोबारा यह सीट कांग्रेस के खाते में गई। अब एक बार फिर से 2022 का विधानसभा चुनाव आ गया है सभी पार्टियां अपना दमखम दिखाने को पूरी तरह से तैयार हैं। सवाल आज भी होता है जहां एक तरफ कांग्रेस का जनाधार पूर्वांचल में लगभग खत्म सा हो चुका है। ऐसे में रसड़ा विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी में से किस प्रत्याशी की किस्मत खुलती है और वह रसड़ा विधानसभा की सीट जीतता है।
रसड़ा विधानसभा में किसका दबदबा होगा कायम
अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी इस सीट पर अपना चुनाव जीती है तो निश्चित तौर पर यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि रहेगी। लेकिन अगर बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी चुनाव जीतता है तो एक बात साफ है कि कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी ही एक ऐसी पार्टी होगी जो रसड़ा विधानसभा में अपना दबदबा कायम रखेगी। 7 मार्च को इलेक्शन के बाद 10 मार्च को परिणाम आने हैं, जिसमें सारी स्थितियां साफ होगी। लेकिन रसड़ा की जनता इस बात का फैसला कर देगी कि वह किसके साथ है।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।