पंचतंत्र के लेखक आचार्य विष्णु गुप्त हैं। पंचतंत्र में कईं ऐसी बातें बताई गई हैं, जो हमारे लिए जानना जरूरी है। इसके अनुसार कुछ बातें माता के गर्भ में ही तय हो जाती हैं।
आयु: कर्म च वित्तंच विद्या निधनमेव च।
पंचैतान्यपि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिन:।।
अर्थ- व्यक्ति की आयु, कर्म, धन-संपत्ति, ज्ञान और मृत्यु माता के गर्भ में ही तय हो जाता है।
पंचतंत्र के अनुसार, आपकी उम्र कितनी होगी, इसका निर्धारण आप स्वयं नहीं करते। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है, तब ही उसकी आयु का निर्धारण भगवान द्वारा कर दिया जाता है।
आप किस क्षेत्र में अपना करियर बनाएंगे या कौन-सा काम करेंगे, ये बात भी माता के गर्भ में रहते हुए ही तय हो जाती है, ऐसा पंचतंत्र में लिखा है। यानी ये बात भी पहले से ही तय होती है
आपके पास कितने पैसा यानी धन-संपत्ति होगी, इसका निर्धारण भी आप स्वयं नहीं कर सकते। ये बात भी भगवान के द्वारा माता के गर्भ में रहते हुए ही पूर्व में ही निर्धारित कर दी जाती है।
माता के गर्भ में पल रहा शिशु जन्म लेने के बाद कितनी पढ़ाई करेगा। वह पढ़ाई-लिखाई में में होशियार होगा या नहीं? पंचतंत्र के अनुसार ये बातें भी भगवान पहले ही तय कर देता है।
इन 4 बातों के अलावा मृत्यु का समय और तरीका भी ईश्वर पहले ही तय कर देते है। यानी मृत्यु के ऊपर किसी का कोई निर्धारण नहीं है। ये बात अन्य धर्म ग्रंथों में भी लिखी गई है।