Hindi

गजब ! अब ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े-खड़े चार्ज होंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां

Hindi

EV वायरलेस चार्जिंग सिस्टम

बहुत जल्द इलेक्ट्रिक कारों को बिना किसी वायर से कनेक्ट किए चार्ज किया जा सकेगा। इसका मतलब सड़क पर चलते हुए भी वायरलेस चार्जिंग तकनीक से ईवी चार्ज हो सकेंगी।

Image credits: Pexels
Hindi

कहां बन रही नई EV टेक्नोलॉजी

जापान की स्मार्ट सिटी काशीवानोहा में वायरलेस ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। यह प्रयोग सफल रहा तो बाकी शहरों और देशों में भी इसका इस्तेमाल होगा।

Image credits: Pexels
Hindi

वायरलेस चार्जर बनाने में कौन-कौन सी कंपनियां

इलेक्ट्रिक वेहिकल्स के लिए वायरलेस चार्जिंग प्रोजेक्ट में टायर निर्माता ब्रिजस्टोन, ऑटो पार्ट्स निर्माता एनएसके और डेंसो समेत 9 कंपनियां और टोक्यो, चिबा यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

Image credits: Pexels
Hindi

EV वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी का काम

टोक्यो यूनिवर्सिटी ने इन-मोशन बिजली सप्लाई सिस्टम डेवलप किया है। जिसके ड्यूरेबिलिटी, एबिलिटी और वाहन को लगातार चार्ज करने की क्षमता की टेस्टिंग की जाएगी।

Image credits: Pexels
Hindi

रोड से कनेक्ट होगा वायरलेस चार्जर

इस नई टेक्नोलॉजी में प्रीकास्ट चार्जिंग कॉइल्स को ट्रैफिक लाइट के सामने सड़क की सरफेस में लगाया गया है। जब कोई इलेक्ट्रिक वाहन गुजरता है तो वायरलेस चार्जर से करंट दौड़ता है।

Image credits: Pexels
Hindi

क्या ईवी में भी कोई बदलाव

इलेक्ट्रिक वाहनों के टायरों में एक खास तौर का डिवाइस लगाया गया है, जो ट्रैफिक सिग्नल से निकलने वाली इलेक्ट्रिकसिटी को ऑब्जर्व कर कार की बैटरी को ऊर्जा भेज उसे चार्ज करते हैं।

Image credits: Pexels
Hindi

क्या चलते हुए भी चार्ज होंगे ईवी

नहीं, नया सिस्टम तभी काम करेगा, जब ईवी की रफ्तार कम हो, ट्रैफिक सिग्नल पर वे थोड़ी देर तक रूके। ताकि सिस्टम पूरी तरह उन तक पहुंच पाए और बैटरी को चार्ज कर सके।

Image credits: Pexels
Hindi

ईवी तक करंट पहुंचने कितना वक्त चाहिए

जिन इलेक्ट्रिक कारों में बिजली देने टायरों के पास विशेष उपकरण लगाए गए हैं, वे धीमे होने पर चार्ज होते हैं। इस कॉइल के पास से कार करीब 10 सेकंड तक गुजरे तो बैटरी चार्ज हो जाती है।

Image credits: Pexels
Hindi

10 सेकेंड में कितनी बैटरी चार्ज

10 सेकेंड में ईवी की बैटरी इतनी चार्ज हो जाती है कि कार को करीब 1 किमी तक की रेंज मिल जाती है। अभी इसे कुछ सिग्नल्स पर लगाया गया है। प्रोजेक्ट सफल रहा तो पूरे जापान में लगाया जाएगा

Image Credits: Pexels