Automobile News
एरोप्लेन के इंजन का टेस्ट चिकन फेंककर किया जाता है। ये टेस्ट किसी पक्षी के जहाज से टकराने के मद्देनजर किया जाता है। प्लेन के फ्लाई विंग्स की जांच इसी से की जाती है।
ब्रिटिश एयरलाइन पायलट एसोसिएशन के मुताबिक किसी भी विमान पर पक्षी से होने वाले हमले को लेकर खतरे से बचाव के लिए यह टेस्ट जरूरी है।
ये चिकन टेस्ट खास तरह की बर्ड गन या बर्ड कैनन से किया जाता है। इसे यंत्र को चिकन गन भी कहते हैं। इस गन में कई सारे चिकन होते हैं जिससे फ्लाइट के इंजन पर चिकन फायर करते हैं।
चिकन टेस्ट में यह चेक किया जाता है कि इंजन पक्षी के टकराने के लिए सक्षम है या नहीं। ये टेस्ट विंड शील्ड और इंजन दोनों पर किया जाता है।
इस टेस्ट में 2 से 4 किलो तक की मुर्गियों को विंड शील्ड यानी हवाई जहाज के पंखों पर फेंका जाता है। ये टेकऑफ थ्रस्ट पीरियड के दौरान किया जाता है।
ये एयरोप्लेन का सामान्य टेस्ट है। ये टेस्ट अक्सर एयरोप्लेन के टेकऑफ से पहले किया जाता है।