पीएम मोदी से एलन मस्क की मुलाकात के बाद टेस्ला की भारत में जल्द ही एंट्री हो सकती है। इंडियन मार्केट में टेस्ला के आने के बाद काफी कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला के भारत आने से इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति इंट्रेस्ट बढ़ सकता है। मतलब इंडिया में EV सेक्टर जबरदस्त बूम कर सकता है।
टेस्ला ऑपरेशंस को सपोर्ट करने देशभर में इलेक्ट्रिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप होगा। चार्जिंग स्टेशनों में निवेश बढ़ेगा और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर पर अच्छा खासा काम होगा।
भारत में टेस्ला की एंट्री से इलेक्ट्रिक सेगमेंट में कंपीटिशन बढ़ेगा। इससे ईवी में काफी कुछ एडवांस हो जाएगा। इनोवेशन पर फोकस के चलते टेक्नोलॉजी फ्यूचरिस्टिक हो जाएगा।
भारत में टेस्ला के आने से मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सेल्स एंड सर्विस जैसे अलग-अलग सेक्टर में नई नौकरियां आएँगी। सप्लाई चैन में भी नई जॉब्स निकलेंगी।
अगर टेस्ला भारत में दस्तक देती है तो इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ेगी। पेट्रोल-डीजल छोड़ लोग ईवी पर शिफ्ट होंगे। इससे पर्यावरण पर पॉजिटिव असर होगा। कई समस्याएं कम होंगी।
देश में टेस्ला के आने से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपनी नीतियों और इंसेंटिव में बदलाव कर सकती है। इन राशियों में टैक्स और सब्सिडी शामिल है।
अब अगर टेस्ला भारत आती है तो कंपटीशन का लेवल हाई हो सकता है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो सकते हैं। टेस्ला भी लोकल लेवल पर मैन्युफैक्चर करेगा, इससे आयात शुल्क भी कम होगा।