बिपरजॉय ही नहीं हर साल चक्रवाती तूफान तटीय क्षेत्रों में तबाही मचाते हैं। कई कारें पानी में बह जाती हैं या डैमेज हो जाती हैं। ऐसे में कार इंश्योरेंस पॉलिसी जानना जरूरी हो जाता है।
दूसरे इंश्योरेंस की तरह ही कार बीमा पॉलिसी भी काम करती है। दुर्घटना या नुकसान होने पर बीमा कंपनी उसकी भरपाई करती है। नेशनल डिजास्टर यानी प्राकृतिक आपदाएं भी इसमें शामिल हैं।
गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी नुकसान को कवर करती है। इसमें चोरी या प्राकृतिक आपदा से नुकसान होना भी शामिल है। हालांकि, यह आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी पर निर्भर करती है।
गाड़ियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी होती है। थर्ड पार्टी में आपकी कार से दूसरे व्यक्ति को हुए नुकसान की भरपाई कंपनी करती है। ओन डैमेज कवर नहीं होगा।
अब अगर आपने अपनी कार के लिए कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी ली है तो इसमें थर्ड पार्टी के साथ ही ओन डैमेज कवर यानी आपकी गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई भी होगी।
एक बात ध्यान देनी चाहिए कि इंश्योरेंस लेते वक्त आप अपनी कार या वेहिकल्स के अलग-अलग पार्ट्स के लिए ऐड-ऑन कवर भी ले सकते हैं। इसका फायदा आपको मिलता है।
तूफान या साइक्लोन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान कार के इंजन को हो सकता है। इंजन के पार्ट्स काफी महंगे होते हैं। ऐसे में बीमा पॉलिसी में इंजन कवर ऐड करवाना चाहिए।
तूफान या चक्रवात में कार खराब हो जाए या बह जाए तो इंश्योरेंस कंपनी नई गाड़ी नहीं देती है। प्राकृतिक आपदा में कार खराब होने पर इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) का भुगतान होता है।
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू वो राशि है जो आप अपनी गाड़ी के लिए तय करते हैं। गाड़ी को नुकसान होने पर यही रकम इंश्योरेंस कंपनी आपको देती है। इसलिए जब भी पॉलिसी लें IDV जरूर चेक करें।
अगर गाड़ी चलाते वक्त किसी प्राकृतिक आपदा से उसे नुकसान हुआ तो इंश्योरेंस क्लेम खारिज भी हो सकता है। चक्रवात के ठीक पहले भी ऐड ऑन कवर नहीं ले सकते हैं।