सही ड्राइविंग करने से एक्सीडेंट से बचते हैं। ट्रैफिक जैसी समस्याएं कम होती हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन करने से चालान भी नहीं कटता है।
सड़क पर एक ओर 3 लेन होती हैं। फर्स्ट लेन, सेकेंड लेन और लास्ट लेन। कार की स्पीड के अनुसार लेन को चुनना होता है। सही स्पीड पर सही लेन सेफ होता है।
80 KMPH या इससे तेज स्पीड से कार ड्राइव कर रहे हैं तो पहली लेन में ही गाड़ी चलानी चाहिए। कार डिवाइडर के पास वाली लेन पर ही चलाएं।
अगर आप 50-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहे हैं तो आपको मिडिल यानी सेकेंड लेन में ही कार चलानी चाहिए।
फर्स्ट लेन हमेशा ओवरटेक करने और तेज स्पीड से आती गाड़ियों के लिए छोड़ा जाता है। 50 किमी प्रति घंटे से कम की स्पीड है तो लास्ट लेन में कार ड्राइव करनी चाहिए।
डिवाइडर से सटी लेन हमेशा वाहनों के ओवरटेक करने या तेज रफ्तार से चल रही गाड़ियों के लिए होती है। उस लेन में कम स्पीड में कार ले जाना खतरनाक होता है।
फर्स्ट लेन में कार चलाना खतरनाक भी हो सकता है। इस लेन में कार को अचानक मोड़ने पर हादसा हो सकता है। इसलिए डिवाइडर से दूर ही गाड़ी चलानी चाहिए।