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जानें डिवाइडर से दूर क्यों चलानी चाहिए कार, क्या है लेन ड्राइविंग?

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कार ड्राइविंग टिप्स

सही ड्राइविंग करने से एक्सीडेंट से बचते हैं। ट्रैफिक जैसी समस्याएं कम होती हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन करने से चालान भी नहीं कटता है।

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लेन ड्राइविंग क्या है

सड़क पर एक ओर 3 लेन होती हैं। फर्स्ट लेन, सेकेंड लेन और लास्ट लेन। कार की स्पीड के अनुसार लेन को चुनना होता है। सही स्पीड पर सही लेन सेफ होता है।

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किस लेन में कितनी स्पीड होनी चाहिए

80 KMPH या इससे तेज स्पीड से कार ड्राइव कर रहे हैं तो पहली लेन में ही गाड़ी चलानी चाहिए। कार डिवाइडर के पास वाली लेन पर ही चलाएं।

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मिडिल या 2nd लेन में कार की स्पीड

अगर आप 50-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहे हैं तो आपको मिडिल यानी सेकेंड लेन में ही कार चलानी चाहिए।

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फर्स्ट लेन में गाड़ी की स्पीड कितनी होनी चाहिए

फर्स्ट लेन हमेशा ओवरटेक करने और तेज स्पीड से आती गाड़ियों के लिए छोड़ा जाता है। 50 किमी प्रति घंटे से कम की स्पीड है तो लास्ट लेन में कार ड्राइव करनी चाहिए।

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डिवाइडर से दूर क्यों ड्राइव करें

डिवाइडर से सटी लेन हमेशा वाहनों के ओवरटेक करने या तेज रफ्तार से चल रही गाड़ियों के लिए होती है। उस लेन में कम स्पीड में कार ले जाना खतरनाक होता है।

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डिवाइडर के पास कार होने से खतरा

फर्स्ट लेन में कार चलाना खतरनाक भी हो सकता है। इस लेन में कार को अचानक मोड़ने पर हादसा हो सकता है। इसलिए डिवाइडर से दूर ही गाड़ी चलानी चाहिए।

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