देश में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ती जा रही है। थोड़ी महंगी होने के बावजूद इसके कई फायदे हैं। इससे पेट्रोल-डीजल की झंझट तो दूर होती ही है, एनवायरमेंट को भी फायदा पहुंचता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बनाने में चांदी का इस्तेमाल किया जाता है। कई पार्ट्स में चांदी लगाई जाती है। हालांकि, बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते हैं।
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने हाल ही में इसकी जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में बताया चांदी, सोने से ज्यादा मूल्यवान क्यों है। इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
EV के कई पार्ट्स में चांदी यूज होती है। इनमें सोलर पैनल, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रांसमिशन, इलेक्ट्रिक इंजन, हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिक केबल, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम, बैटरी पैक हैं।
इलेक्ट्रिक कार को सही तरह से चलाने के लिए हर इलेक्ट्रिक कनेक्शन को चांदी से कोट किया जाता है। एक इलेक्ट्रिक कार को बनाने में करीब 25-50 ग्राम तक चांदी का इस्तेमाल होता है।
सामान्य इंजन वाली कारों में भी चांदी का इस्तेमाल होता है लेकिन इलेक्ट्रिक कारों में चांदी की मात्रा दोगुनी होती है।
अभी इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ रही है। देश में जैसे-जैसे इनकी चार्जिंग व्यवस्था और डिमांड बढ़ेगी, चांदी भी महंगी होने लगेंगी। इससे सिल्वर के रेट बढ़ सकते हैं।