दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका पर मंदी का खतरा भले ही टल गया है लेकिन वह कर्ज के बोझ तले दब गया है। उसका कुल कर्ज 33 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है।
यूएस पर वर्तमान कर्ज की बात करें तो वह देश की जीडीपी का करीब 123% हो गया है। पिछले तीन साल में उसका कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है।
अमेरिका हर दिन 1.8 अरब डॉलर का ब्याज चुका रहा है। तीन साल में उसके कर्ज का ब्याज भी दोगुना हो चुका है। 2020 में प्रतिदिन 90 करोड़ डॉलर का ब्याज यूएस चुका रहा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ सालों में ही अमेरिका का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 200% तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब उसका कर्ज उसकी अर्थव्यवस्था से दोगुना हो जाएगा।
अमेरिका की इकोनॉमी तीसरी तिमाही में उम्मीद से काफी कम रही है। जुलाई से सितंबर 2023 तक यूएस की जीडीपी ग्रोथ 4.9% रही है। दूसरे अनुमान में इसके 5.2% रहने का अनुमान था।
जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में तेजी हो सकती है। इसका कारण फेडरल रिजर्व अगले साल ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
सबसे ज्यादा डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 269% जापान में है। ग्रीस का डेट-टू-जीडीपी रेश्यो 197%, सिंगापुर 165% और इटली का 135% है। पुर्तगाल, फ्रांस, स्पेन, बेल्जियम में 100% से ज्यादा है।